अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जानकारी दी है कि भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर पूरी तरह तैयार हो चुका है।
मुख्य मंदिर के साथ परकोटे के भीतर बने 6 अन्य मंदिर — भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, सूर्यदेव, देवी भगवती और देवी अन्नपूर्णा — का निर्माण भी पूरा हो गया है। सभी मंदिरों पर ध्वजदंड और कलश स्थापित कर दिए गए हैं।

ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां
25 नवंबर को मंदिर परिसर में विशेष ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया कि इस कार्यक्रम में 8 से 10 हजार अतिथियों को बुलाया जाएगा, जिसमें 2022 के बाद दान देने वाले राम भक्तों को भी शामिल किया जाएगा।
दान और खर्च का हाल
राम मंदिर निर्माण के निधि समर्पण अभियान के दौरान देश–विदेश के लाखों राम भक्तों ने योगदान दिया। कुल 3000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि रामलला को समर्पित की गई।
भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष के अनुसार:
- अब तक लगभग 1500 करोड़ रुपये का खर्च मंदिर निर्माण पर हो चुका है।
- शेष कार्यों और परिसर विकास को मिलाकर कुल खर्च अनुमानित 1800 करोड़ रुपये है।
अध्यक्ष ने कहा कि इतनी बड़ी आर्थिक मदद की शुरुआत में कल्पना नहीं की गई थी, लेकिन राम भक्तों की आस्था और श्रद्धा ने इसे संभव बनाया।
1800 करोड़ का कनेक्शन
जहां अब तक 1500 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है, वहीं मंदिर परिसर में शेष कार्यों, व्यवस्थाओं और अन्य निर्माण कार्यों के लिए अनुमानित खर्च 300 करोड़ रुपये और होने की संभावना है।
यानी कुल खर्च लगभग 1800 करोड़ रुपये तक पहुँच जाएगा
अयोध्या का भव्य राम मंदिर अब भक्तों की आस्था, समर्पण और योगदान का प्रतीक बन चुका है।
25 नवंबर को होने वाला ध्वजारोहण समारोह मंदिर के सभी कार्यों के पूर्ण और भव्य रूप से तैयार होने का प्रतीक होगा।