Rapid Action Force की 33वीं वर्षगांठ ,केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दी बधाई दंगे से, Rescue Operation तक RAF हर मोर्चे पर तैयार

रैपिड एक्शन फोर्स जब भी कहीं दंगे या बड़ी भीड़ को कंट्रोल करना होता है,  तो RAF यानि रैपिड एक्शन फोर्स नाम सबसे आगे आता है। यह फोर्स अपने खास हथियारों और ट्रेनिंग की वजह से जानी जाती है।रैपिड एक्शन फोर्स की आज 33वीं सालगिरह है और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस खास मौके पर शुभकामनाएं दी हैं।

CRPF की विशेष इकाई ‘रैपिड एक्शन फोर्स RAF ’ की 33वीं सालगिरह पर गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को बधाई दिया। अपने एक पोस्ट में उन्होने लिखा कि  ‘रैपिड एक्शन फोर्स’ के स्थापना दिवस पर सभी कर्मियों को हार्दिक बधाई। हमारी आंतरिक सुरक्षा के एक स्तंभ के रूप में प्रतिष्ठित, इस बल ने अदम्य साहस और बलिदान के साथ व्यावसायिकता के स्वर्णिम मानक स्थापित किए हैं। कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को नमन।अब ये जान लेते हैं कि कि रैपिड एक्शन फोर्स क्या है और इस टीम की ऐसी क्या विशेषता है जो कि बाकियों से अलग करती है।

वर्ष 1992 में CRPF के विशेष फोर्स RAF का गठन किया गया। RAF यानी रैपिड एक्शन फोर्स यह एक अर्धसैनिक बल है. इसे CRPF के 10 स्वतंत्र बटालियन को परिवर्तित करके बनाया गया था।इस विशेष फोर्स में 15 बटालियन हैं। इसका गठन दंगों जैसी संवेदनशील स्थितियों से निपटने और आंतरिक सुरक्षा के लिए गठित किया गया है। RAF काफी कम समय में संकट की स्थिति उत्परन्नग होने पर घटनास्थटल पर पहुंच जाती है। आम जनता के बीच पहुंच उन्हें सुरक्षा प्रदान करने वाली RAF लोगों के बीच यह विश्वास जगाती है वह उनकी सुरक्षा के लिए हमेशा मुस्तैद है। इसमें महिला जवानों को भी शामिल किया गया है, जो महिला प्रदर्शनकारियों से निपटती हैं। इस फोर्स के जवानों को संयुक्तभ राष्ट्रय शांति मिशन के लिए भी भेजा जाता है।

RAF की सबसे बड़ी विशेषता इसकी संकट की स्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया देने की क्षमता है। RAF के सदस्यों को मानव अधिकारों के संबंध में प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि वे अत्यधिक बल प्रयोग किए बिना स्थिति को नियंत्रित कर सकें और सभी के अधिकारों की रक्षा कर सकें।  RAF में महिला जवानों की भी उपस्थिति है, जो महिला प्रदर्शनकारियों से प्रभावी ढंग से निपटने और समाज के कमजोर वर्गों को सुरक्षा का एहसास कराने में मदद करती हैं। RAF के जवान खास ट्रेनिंग लेते हैं और मॉडर्न इक्विपमेंट के साथ मैदान में उतरते हैं। RAF की लाठी आम पुलिस की लाठी से बिलकुल अलग होती है।ये फाइबरग्लास से बनी होती है, जो ना सिर्फ हल्की होती है बल्कि बहुत मजबूत भी होती है। ये लाठी इतनी ताकतवर होती है कि इससे एक ही वार में सामने वाले को जमीन पर गिराया जा सकता है।RAF के जवानों को भीड़ को कंट्रोल करने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है. जब ये लाठीचार्ज करते हैं तो पूरी लाइन में एक साथ आगे बढ़ते हैं।

इनकी तकनीक और लाठी का सही इस्तेमाल, किसी भी हालात को काबू में करने में मदद करता है। इसलिए RAF का लाठीचार्ज सबसे असरदार माना जाता है। RAF सिर्फ हमला करने के लिए नहीं, बल्कि अपनी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखती है। इनके पास हेलमेट, शील्ड और बॉडी गियर होते हैं, जिससे वो खुद को भी बचा सकें. ये फोर्स हर स्थिति में खुद को सुरक्षित रखते हुए भीड़ को नियंत्रित करती है। RAF के जवानों को हर वक्त अलर्ट मोड में रहना होता है. इन्हें कभी भी, कहीं भी भेजा जा सकता है। चाहे कोई दंगा हो या कोई बड़ा इवेंट, RAF की मौजूदगी से माहौल में एक सख्ती आ जाती है और लोग संयम में आ जाते हैं।

 

 

 

 

 

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