ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर 8 और 9 अक्टूबर को दो दिवसीय भारत दौरे पर रहेंगे। PM बनने के बाद यह उनकी पहली आधिकारिक यात्रा होगी। कीर स्टार्मर PM मोदी के न्योते पर आ रहे हैं। पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद कीर स्टार्मर की यह पहली भारत यात्रा होगी।विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को बताया कि स्टारमर की 8 से 9 अक्टूबर तक की भारत यात्रा, भारत और ब्रिटेन के बीच एक दूरदर्शी साझेदारी बनाने के साझा दृष्टिकोण की पुष्टि करने का एक ‘अनमोल अवसर’ प्रदान करेगी। स्टारमर 9 अक्टूबर को मुंबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापक वार्ता करेंगे।

विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों प्रधानमंत्री ‘विजन 2035’ के तहत ही भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी के विविध पहलुओं में प्रगति की समीक्षा करेंग। ‘विजन 2035’ 10 साल का एक रोडमैप है जो कई कार्यक्रमों और पहलों पर केंद्रित है। इसमें कहा गया है, ‘दोनों नेता भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते की तरफ से पेश मौकों पर व्यवसायों और निवेश, टेक्नोलॉजी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु और ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा और जन-जन के रिश्तों जैसे कई क्षेत्रों में काम करने की रूपरेखा तय की गई है।
भारत और ब्रिटेन ने जुलाई में मोदी की लंदन यात्रा के दौरान ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को साइन किया था। इस व्यापार समझौते में बाजार पहुंच में इजाफा, ब्रिटिश व्हिस्की और कारों सहित अन्य वस्तुओं पर शुल्क में कटौती और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने पर रजामंदी बनी है.।
फिनटेक फेस्ट में लेंगे हिस्सा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन की नीतियों के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मची उथल-पुथल के बीच ही इस यात्रा से बिजनेस और टेक्नोलॉजी से लेकर डिफेंस और सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा मिलने की संभावना है। स्टारमर की यह यात्रा जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के बाद हो रही है। PM मोदी के दौर पर दोनों पक्षों के बीच जो फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) साइन हुआ था, उसके अगले साल तक लागू हो जाने की उम्मीदें लगाई जा रही हैं। दोनों नेताओं के मुंबई में द्विपक्षीय वार्ता करने की उम्मीद है, जहां वे ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में भी भाग लेंगे।
24 जुलाई 2025 को भारत और ब्रिटेन ने ऐतिहासिक CETA पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत ब्रिटेन को लगभग 99% भारतीय निर्यात पर ड्यूटी फ्री पहुंच मिली, और ब्रिटेन के 90% सामानों पर भारत ने शुल्क हटा दिया। इस समझौते का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करना है, जो वर्तमान में लगभग 56 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। CETA कपड़ा, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, जूते, खेल के सामान, खिलौने, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, ऑटो कंपोनेंट और जैविक रसायन जैसे क्षेत्रों में नए अवसर खोलता है।










