यूरोप और एशिया की सीमा पर मौजूद जॉर्जिया देश इस समय इतिहास के सबसे बड़े सरकार विरोधी प्रदर्शन से जूझ रहा है। शनिवार को राजधानी त्बिलिसी में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन (ओर्बेलियानी पैलेस) में घुस गए और प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की कोशिश की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस ने हिंसक झड़प भी देखने को मिली। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस और पेपर स्प्रे का सहारा लिया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ी और राष्ट्रपति भवन के परिसर में घुसने की कोशिश की।का इस्तेमाल किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने जॉर्जिया की मौजूदा सरकार को रूस समर्थक होने का आरोप लगाया है।

चुनाव में धांधली का आरोप
यह प्रदर्शन जॉर्जिया में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर हो रहा है, जिनका अधिकांश विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया है।विरोधियों का आरोप है कि सत्तारूढ़ पार्टी जॉर्जियन ड्रीम ने 2024 के संसदीय चुनावों में धांधली की, और इसके बाद सरकार ने EU (यूरोपीय संघ) के साथ देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया।प्रदर्शनकारियों ने EU के झंडे के साथ बैरिकेड्स में आग लगाई। उन्होंने EU के राजदूत पर आरोप लगाया कि वे “संवैधानिक व्यवस्था को उखाड़ने” की कोशिशों में प्रदर्शनकारियों को मदद कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों की रणनीति और मांगें
प्रदर्शनकारियों ने त्बिलिसी के फ्रीडम स्क्वायर और रुस्तवेली एवेन्यू से मार्च किया। वे जॉर्जिया और EU के झंडे लहराते दिखे। प्रसिद्ध ओपेरा गायक पाता बरचुलाद्जे ने घोषणा पढ़ी, जिसमें उन्होंने गृह मंत्रालय कर्मचारियों को जनता की इच्छा मानने और जॉर्जियन ड्रीम पार्टी के 6 वरिष्ठ नेताओं, जिनमें प्रधानमंत्री भी शामिल हैं, को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की।विरोधी दलों की मांग है कि लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने के लिए देश में नए सिरे से संसदीय चुनाव हों और करीब 60 राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाए।पुलिस ने 5प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पाता बरचुलाद्जे और विपक्षी दलों के अन्य नेता शामिल हैं। उन्हें “राज्य व्यवस्था उखाड़ने” जैसे आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।

चुनाव का बहिष्कार और विवाद
इन चुनावों में विपक्षी दलों ने भागीदार न बनकर बहिष्कार किया था, और सत्तारूढ़ पार्टी ने अधिकांश नगरपालिकाओं में भारी बहुमत से जीत का दावा किया।आलोचकों का कहना है कि यह चुनाव विरोधियों को दबाने और लोकतंत्र को कमजोर करने की रणनीति रही है।अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने इन चुनावों को “न्यायसंगत नहीं” करार दिया है और नए चुनावों की मांग की है।प्रदर्शन अब न सिर्फ स्थानीय चुनाव का विरोध है, बल्कि जॉर्जिया की दिशा और उसके लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की लड़ाई का प्रतीक बन चुका है।
पिछले साल अक्तूबर से हो रहा विरोध प्रद र्शन
विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, जॉर्जिया का पश्चिम समर्थक विपक्ष पिछले साल अक्टूबर से ही विरोध प्रदर्शन कर रहा है। बताया गया कि जब जीडी ने संसदीय चुनाव जीता था, तो उसे उसके आलोचकों ने धोखाधड़ी वाला बताया था। पार्टी ने मतदान में धांधली के आरोपों को खारिज किया है। सोवियत संघ से उभरने वाले सबसे अधिक पश्चिमी समर्थक राष्ट्रों में से एक जॉर्जिया के पश्चिम के साथ संबंध यूक्रेन में रूस के युद्ध की शुरुआत के बाद से खराब हो गए हैं।

रूसी झंडा जलाया गया
गुस्साए प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने रूस का झंडा जलाकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ भी नारेबाजी की है. हालात लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं. इससे पहले पुलिस ने मिर्च स्प्रे पाउडर और पानी की बौछार यानी वाटर कैनन का इस्तेमाल करके राष्ट्रपति भवन से प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया था. लेकिन वो ज्यादा देर तक प्रदर्शनकारियों को नहीं रोक पाई.
ओपेरा सिंगर पाता बरचुलाद्जे ने किया नेतृत्व
सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व प्रसिद्ध ओपेरा सिंगर पाता बरचुलाद्जे ने किया।उन्होंने प्रदर्शन के दौरान एक घोषणा पढ़ी जो इस समय इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है. उन्होंने अपने घोषणा पत्र में गृह मंत्रालय के कर्मचारियों से जनता की इच्छा का पालन करने, जॉर्जियन ड्रीम पार्टी के 6 वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार करने की मांग की है. इन नेताओं में जॉर्जिया के मौजूदा प्रधानमंत्री इराकली भी शामिल हैं.










