SRI LANKA में साइक्लोन दितवाह से तबाही, भारतीय वायुसेना ने चलाया ऑपरेशन सागर बंधु, श्रीलंका में 300 से ज्यादा लोगों को बचाया

साइक्लोन दितवाह के कारण श्रीलंका में आई बाढ़ और भूस्खलन ने कई इलाकों में जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर दिया है। सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्रों में कोटमाले घाटी शामिल है, जहाँ LANDSLIDE से मुख्य सड़क मार्ग पूरी तरह BAND हो गया और सैकड़ों लोग फंस गए। ऐसे कठिन हालात में इंडियन एयर फ़ोर्स (IAF) ने श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ मिलकर एक रेस्क्यू मिशन को अंजाम दिया, जिसे ऑपरेशन सागर बंधु नाम दिया गया है।कोटमाले जैसे दुर्गम और कटे हुए इलाके में IAF के हेलीकॉप्टरों ने लगातार उड़ानें भरते हुए 45 फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। जिसमें 6 गंभीर रूप से घायल यात्री,4 मासूम बच्चे और 12 भारतीय नागरिक व 30 से ज़्यादा विदेशी नागरिक शामिल थे।हेलीकॉप्टरों ने सभी को सुरक्षित कोलंबो पहुँचाया, जहाँ उन्हें मेडिकल सुविधा और आगे की सहायता उपलब्ध कराई गई।

इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि IAF ने सिर्फ भारतीयों को नहीं, बल्कि कई देशों के नागरिकों को भी बचाया। यह मिशन भारत की ह्यूमैनिटेरियन असिस्टेंस एंड डिजास्टर रिलीफ (HADR) क्षमता और “नेबरहुड फ़र्स्ट” नीति का सबसे प्रभावी उदाहरण बन गया।IAF ने इस हाइब्रिड रेस्क्यू ऑपरेशन में एक और अनोखी रणनीति अपनाई।एक गरुड़ कमांडो  को हेलीकॉप्टर से नीचे उतारकर फंसे हुए ग्रुप को घने जंगल और खतरनाक इलाके से निकाला गया जिसमें वहां से कुल 24 यात्रियों को कोलंबो एयरलिफ्ट किया गया।कोटमाले में हादसे और फंसने के बाद कुछ नागरिकों की हालत बेहद गंभीर थी।IAF ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 3 घायलों को मेडिकल टीम के साथ कोलंबो एयरलिफ्ट किया, जहाँ उनका इलाज जारी है।

फंसे नागरिकों को निकालने के साथ-साथ, IAF ने ज़मीन पर रेस्क्यू ऑपरेशन तेज़ करने के लिए 57 श्रीलंकाई आर्मी सैनिकों को कोटमाले में एयरलिफ्ट किया गया।इसके अलावा दियाथलावा आर्मी कैंप से 40 सैनिकों की पाँच टीमें भी प्रभावित इलाके में उतारी गईंये टीमें मलबा हटाने, रास्ते खोलने और स्थानीय नागरिकों को राहत पहुँचाने में जुटी हैं।कोलंबो एयरपोर्ट पर फंसे भारतीय यात्रियों को निकालने के लिए IAF की कई उड़ानें चलाई गईं।
रविवार रात 8 बजे तक IAF 300 से ज़्यादा भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट करके भारत वापस भेज चुका था।भारत सरकार ने पुष्टि की है कि आने वाले घंटों में और फ्लाइट्स भी निर्धारित हैं।

IAF ने जिस गति, साहस और रणनीति के साथ इस अभियान को अंजाम दिया, उसने एक बार फिर सिद्ध किया कि कठिनतम परिस्थितियों में भी भारत अपने पड़ोसी देशों की मदद के लिए हमेशा तैयार खड़ा है।“ऑपरेशन सागर बंधु” न केवल एक रेस्क्यू मिशन है बल्कि भारत-श्रीलंका मित्रता और मानवीय सहयोग की एक अनोखी मिसाल भी है।

 

Exit mobile version