एक खोया कलाकार और बढ़ता खतरा आवारा पशुओं से सड़क सुरक्षा पर सवाल ,आवारा पशुओं के बढ़ते खतरों पर चेतावनी

पंजाब और पंजाबी संगीत जगत आज एक सच्चे कलाकार को खोने का गम झेल रहा है। मशहूर पंजाबी गायक राजवीर जवंदा अब हमारे बीच नहीं रहे। उनकी आवाज़ और सरल स्वभाव ने लोगों के दिलों में खास जगह बनाई थी। लेकिन 27 सितंबर को हिमाचल से लौटते समय हुए एक दुखद हादसे ने उनकी जिंदगी छीन ली। यह हादसा सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं बल्कि एक बड़े सामाजिक मुद्दे – आवारा पशुओं से होने वाले सड़क हादसों – की ओर इशारा करता है।

हादसे की वजह: आवारा पशु

राजवीर जवंदा के साथ हादसा बाइक राइडिंग के दौरान हुआ था, और इसका कारण था सड़क पर भटकते आवारा पशु।उन्हे भी क्या पता था ये बाइक राइड उनकी जिंदगी की आखिरी राइड साबित होगी ,क्योंकि हिमाचल से लौटते समय 27 सितंबर को वे एक सड़क हादसे का शिकार हो गए थे । सड़कों पर भटकते ये आवारा पशु लोगों की जान के लिए खतरा बन चुके हैं।ये जानवर कभी हमारे लिए दूध, श्रम और सुरक्षा का स्रोत थे, लेकिन आज हमारी संवेदनहीनता और प्रशासनिक उदासीनता के कारण वे सड़कों पर असहाय रूप में घूम रहे हैं। परिणामस्वरूप, लोगों की जान को गंभीर खतरा है।

पंजाबी गायक जस्सी गिल ने इस मुद्दे की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट सांझा की। उन्होंने लिखा कि राजवीर के साथ हुए हादसे को महज “एक दुर्घटना” मान लेना और इसके बारे में कुछ न बोलना मानसिक गुलामी की तरह है। जस्सी गिल ने यह भी कहा कि जितने भी कलाकार सोशल मीडिया पर राजवीर को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, उन्हें आवारा पशुओं के खतरे पर भी आवाज़ उठानी चाहिए थी।

आवारा पशुओं से होने वाले हादसों के आंकड़े

आवारा पशुओं से होने वाले हादसों को लेकर NCRB के आंकड़ों पर भी गौर करना जरूरी है। आम आदमी किस तरीके से सड़क पर भी संघर्ष करता है और अगर सड़क पर ध्यान से वाहन भी चलता है तो ये आवारा पशु सड़क पर होते हैं जो हादसे का कारण बनते हैं

पंजाब  में (2020-2022) तक ग्रामीण क्षेत्रों में 896 मौतें, शहरी क्षेत्रों में 225 मौतें हुई थी औऱ हरियाणा में (2020-2022) तक 919 मौतें और 3,017 लोग घायल हुए थे।ओडिशा में (2024) में 903 हादसे और 437 लोगों की मौत हुई थी। ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि आवारा पशु सड़कों पर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गए हैं।

सोशल मीडिया और जन जागरूकता

राजवीर जवंदा के निधन के बाद सोशल मीडिया पर उनके वीडियोज़ और पोस्ट वायरल हो रहे हैं। जस्सी गिल ने केवल श्रद्धांजलि नहीं दी, बल्कि इस मुद्दे पर सकारात्मक कार्रवाई की अपील भी की। उनका मानना है कि जब आम लोगों के साथ हादसे होते हैं, तो मीडिया ज्यादा ध्यान नहीं देता, लेकिन जब कोई सेलिब्रिटी इस त्रासदी का शिकार होता है, तो यह समाज की आंखें खोलने का एक अवसर बन सकता है।

प्रशासनिक जिम्मेदारी और समाधान

के मुद्दे को केवल सांकेतिक या भावनात्मक तौर पर उठाने से काम नहीं चलेगा। प्रशासन को सड़कों पर आवारा पशुओं की निगरानी, उचित झोपड़ी और पशु संरक्षण योजनाओं को लागू करने की जरूरत है। साथ ही, सड़क सुरक्षा नियमों के पालन और जनजागरूकता अभियानों के माध्यम से इस खतरे को कम किया जा सकता है।

राजवीर जवंदा के निधन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि हमारी संवेदनहीनता और प्रशासनिक उदासीनता कितनी जानलेवा हो सकती है। अब यह समय है कि हम केवल सोशल मीडिया पोस्ट और श्रद्धांजलियों तक सीमित न रहें, बल्कि इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाएं। अब यह जिम्मेदारी सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि समाज की भी है कि हम इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए कदम उठाएं।

 

 

 

 

 

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