पूरे देश में खांसी के सिरप को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में बच्चों की मौत के मामले सामने आने के बाद सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में हुई जानलेवा घटनाएँ
घटनाओं की शुरुआत राजस्थान से हुई, जहाँ डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड युक्त कफ सिरप पीने से कई बच्चों की हालत बिगड़ गई और अब तक चार बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है। इस गंभीर स्थिति के बाद मामला राष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बन गया।प्रारंभिक जांच में COLDRIF सिरप के एक बैच में डाइएथिलीन ग्लाइकोल नामक जहरीला रसायन पाया गया। यह रसायन उद्योगों में इस्तेमाल होता है, लेकिन मानव शरीर के लिए अत्यंत खतरनाक है। इस सिरप के सेवन से बच्चों में किडनी फेलियर और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हुई हैं
कई राज्यों ने सिरप पर लगाया बैन
राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड़ , तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों ने तुरंत COLDRIF सिरप पर बैन लगा दिया है। कई राज्यों में स्वास्थ्य विभाग ने सिरप के स्टॉक को जब्त कर जांच शुरू कर दी है।
पंजाब सरकार ने भी लगाई रोक
पंजाब सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर तत्काल रोक लगा दी है।राज्य स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि पंजाब के सभी खुदरा विक्रेता, वितरक, पंजीकृत चिकित्सक, अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य सेवा संस्थान अब इस सिरप की खरीद, बिक्री या उपयोग नहीं कर सकेंगे। यदि राज्य में इसका कोई स्टॉक पाया जाता है तो उसकी जानकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन को तुरंत भेजने का निर्देश दिया गया है।
यह कदम पंजाब सरकार की बच्चों की सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाता है। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
केंद्र सरकार ने जारी की सतर्कता
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने स्रेसन फार्मा के खिलाफ सबसे गंभीर धाराओं में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही सभी राज्यों को चेतावनी दी गई है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी या सर्दी-जुकाम की दवा न दी जाए।
माता-पिता और अभिभावकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों ने माता-पिता को सलाह दी है कि छोटे बच्चों को किसी भी प्रकार का खांसी या सर्दी-जुकाम का सिरप बिना डॉक्टर की सलाह के न दें। किसी भी दवा का सेवन करने से पहले दवा के बैच नंबर और वैधता की जांच करना अनिवार्य है।