राष्ट्रपति पहुंची 3 दिवसीय उतराखण्ड दौरे पर,एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत,पतंजलि वि.वि. के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं शामिल, छात्र-छात्राओं को दिए मेडल

उत्तराखंड राज्य आज अपनी स्थापना की रजत जयंती (25वीं वर्षगांठ) मना रहा है, और इस खास मौके पर राज्य को देश की पहली महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति का गौरव प्राप्त हुआ है। राष्ट्रपति अपने तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को उत्तराखंड पहुंचीं। इस दौरान वह हरिद्वार से लेकर देहरादून और नैनीताल तक कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शिरकत करेंगी। देहरादून पहुंचने के बाद राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति निकेतन परिसर में फुट ओवर ब्रिज का उद्घाटन किया। इसके बाद वह अपने आवास आशियाना में रात्रि विश्राम करेंगी।

एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत

राष्ट्रपति मुर्मू रविवार सुबह हरिद्वार पहुंचीं। जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। इसके बाद वह हरिद्वार के पतंजलि विश्वविद्यालय पहुंचीं, जहां उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया।

पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह 

दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने छात्रों को डिग्रियां और मेडल प्रदान किए। उन्होंने कहा कि उन्हें सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि इस बार 64 प्रतिशत मेडल छात्राओं ने हासिल किए हैं।“यह इस बात का प्रमाण है कि हमारी बेटियां हर क्षेत्र में अग्रणी हैं। देश को ‘विकसित भारत’ बनाने का सपना तभी पूरा होगा, जब हमारी बेटियां उस यात्रा का हिस्सा बनेंगी,” राष्ट्रपति ने कहा।उन्होंने कहा कि हरिद्वार का यह पावन क्षेत्र “दर्शन का द्वार” है और पतंजलि विश्वविद्यालय जैसे संस्थान भारत की महर्षि परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।राष्ट्रपति ने कहा कि छात्र-छात्राओं को सदाचार, तपस्या और सरलता जैसे जीवन मूल्यों को अपनाना चाहिए। उन्होंने भगवद् गीता का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने निष्ठा पूर्वक कर्तव्यों के पालन की प्रेरणा दी है।

योग और आयुर्वेद को लेकर राष्ट्रपति के विचार

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आज भारत न केवल योग दिवस मना रहा है, बल्कि पूरे विश्व को स्वास्थ्य और जीवनशैली का नया मार्ग दिखा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि पतंजलि के विद्यार्थी योग, प्राणायाम और आयुर्वेद के प्रचारक बनकर भारत को फिर से “विश्वगुरु” बनाएंगे।“अब समय दूर नहीं जब लोग भारत के पुरातन ज्ञान को सम्मान के साथ याद करेंगे,” राष्ट्रपति ने कहा।

CM धामी बोलेयुवाओं को नौकरी ढूंढने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनाएंगे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड सरकार नई शिक्षा नीति के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दे रही है।“हम राज्य में युवाओं को नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बना रहे हैं। इसके लिए तकनीकी नवाचार, एआई और रिसर्च पर काम हो रहा है,” उन्होंने कहा।उन्होंने कहा कि राज्य में साइंस सिटी की स्थापना की जा रही है ताकि रिसर्च और नवाचार को बढ़ावा मिल सके। साथ ही, नकल माफिया पर रोक लगाने के लिए देश का सबसे सख्त कानून बनाया गया है।

राज्यपाल बोले योग और आयुर्वेद ने विश्व में भारत की पहचान बनाई

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह ने कहा कि स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने योग और आयुर्वेद को वैश्विक पहचान दिलाई है।“भारत की प्राचीन परंपरा आज भी सबसे अधिक प्रासंगिक है। यह देखकर हर्ष होता है कि युवा अब योग, आयुर्वेद और प्राचीन विज्ञान की ओर लौट रहे हैं। यही विद्यार्थी विकसित भारत में अमूल्य योगदान देंगे।

कल विधानसभा को करेंगी संबोधित

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार, 3 नवंबर को सुबह 11 बजे देहरादून में आयोजित उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती समारोह के विशेष सत्र को विधानसभा में संबोधित करेंगीइसके बाद वह नैनीताल राजभवन में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगी।

 

 

 

 

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