KURUKSHETRA: धान खरीद विवाद से भड़के किसान नेता चढूनी ने DFSC अधिकारी को मारा थप्पड़,पुलिस ने लिया 20 किसानों को हिरासत में ,किसानों ने थाने के बाहर किया हंगामा

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में बुधवार को उस समय हंगामा मच गया जब भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के अध्यक्ष और प्रमुख किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (DFSC) राजेश कुमार को लघु सचिवालय परिसर में थप्पड़ मार दिया। यह घटना उस वक्त हुई जब चढूनी अन्य किसानों के साथ धान की खरीद न होने को लेकर लघु सचिवालय में धरना दे रहे थे।सूत्रों के अनुसार, DFSC राजेश कुमार किसानों से बातचीत के लिए मौके पर पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने चढूनी से संवाद शुरू करने की कोशिश की, माहौल अचानक बिगड़ गया और चढूनी ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद वहां अफरातफरी मच गई और बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया।

20 किसानों को हिरासत में लिया गया

घटना के बाद पुलिस ने गुरनाम सिंह चढूनी समेत करीब 20 किसानों को हिरासत में ले लिया और उन्हें झांसा थाने ले जाया गया। जैसे ही किसानों को हिरासत में लिए जाने की खबर फैली, सैकड़ों किसान थाने के बाहर जमा हो गए और वहां धरना शुरू कर दिया।स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। वहीं, SDM थानेसर शाश्वत सांगवान, DSP हेडक्वार्टर सुनील कुमार और शाहाबाद DSP रामकुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी झांसा थाने में मीटिंग कर रहे हैं, ताकि हालात पर काबू पाया जा सके।

धान की खरीद को लेकर था विवाद

दरअसल, गुरनाम सिंह चढूनी मंगलवार को अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉली में धान (जीरी) लेकर लघु सचिवालय पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन धान की खरीद नहीं कर रहा है, जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।चढूनी ने प्रशासन पर भ्रष्टाचार और भेदभाव के आरोप लगाते हुए कहा था कि DFSC राजेश कुमार ने उनकी आढ़त की दुकान और खुद की धान के उठान के लिए RO जारी नहीं किया, जबकि अन्य लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।

प्रशासन पर भ्रष्टाचार के आरोप

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि प्रशासन किसानों के साथ अन्याय कर रहा है।“धान में नमी के नाम पर कट लगाकर किसानों को लूटा जा रहा है। जो अधिकारी किसानों की सुनवाई करने की जगह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”उन्होंने यह भी कहा कि धान की खरीद 22 सितंबर से शुरू होने का एलान हुआ था, लेकिन अब तक कई मंडियों में सही तरीके से खरीद नहीं हो पाई है। इससे किसानों की फसल मंडियों में पड़ी-पड़ी खराब हो रही है।

भाकियू पिहोवा ने दिया चढूनी को समर्थन

इस पूरे मामले के बाद भाकियू पिहोवा इकाई चढूनी के समर्थन में खुलकर सामने आ गई है। पिहोवा इकाई के प्रवक्ता प्रिंस वड़ैच ने कहा कि “अधिकारी किसानों की सुनवाई नहीं कर रहे हैं। नमी के नाम पर कटौती करके किसानों से वसूली की जा रही है। यह सब ‘सेटिंग का खेल’ है। शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही।”उन्होंने कहा कि किसानों ने धरना देकर ही मंडियों में खरीद शुरू करवाई थी, लेकिन अभी भी कई जगहों पर धान का उठान बंद है।\

किसानों की बढ़ती नाराजगी

घटना के बाद से कुरुक्षेत्र और आस-पास के क्षेत्रों में किसानों का आक्रोश बढ़ गया है। कई किसान संगठन अब सांझा मोर्चा बनाकर विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि किसान संगठनों की बैठक जाट धर्मशाला में चल रही है, जहां अगले आंदोलन की रणनीति तय की जा रही है।

प्रशासन हुआ सतर्क

झांसा थाने के बाहर भारी संख्या में किसान डटे हुए हैं। पुलिस प्रशासन ने पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है, ताकि स्थिति नियंत्रण से बाहर न जाए। वहीं, वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

 

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