नवनियुक्त DGP ओपी सिंह ने भेजा भावनात्मक और प्रेरक पत्र, पुलिस बल में विश्वास और कर्तव्यनिष्ठा जगाने का दिया संदेश, जनता की सुरक्षा और विश्वास का संदेश

हरियाणा के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह ने अपने पद संभालने के 24 घंटे के भीतर ही पूरे पुलिस बल को एक प्रेरक और भावनात्मक पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए DGP ने न केवल पुलिसकर्मियों को कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी का संदेश दिया, बल्कि संगठन के भीतर मनोबल और विश्वास बहाल करने की कोशिश भी की।DGP ने अपने पत्र की शुरुआत उर्दू के मशहूर शायर कतील शिफाई के एक शेर से की –
वो मेरा दोस्त है सारे जहां को है मालूम, दगा करे वो किसी से तो शर्म आए मुझे।”
इस शेर के माध्यम से DGP ओपी सिंह ने पुलिस बल में आपसी भरोसा, निष्ठा और पारदर्शिता की भावना को रेखांकित किया।

शेर और बकरी का प्रतीकात्मक संदेश

अपने पत्र में DGP ने पुलिसकर्मियों से कहा कि समाज में ऐसा माहौल तैयार किया जाए, जहां शेर और बकरी एक ही घाट पर पानी पिएं’। इसका मतलब यह है कि हर नागरिक को समान सुरक्षा और न्याय का अधिकार मिले। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि पुलिस का कर्तव्य केवल कानून लागू करना नहीं, बल्कि समाज में न्याय और विश्वास का संतुलन बनाए रखना है। उन्होंने कहा:
हिंसा और छलावा प्रकृति के स्वभाव में हैं, पर सभ्य जीवन इसका विरोध है। प्रजातंत्र का आश्वासन है कि शेर और बकरी एक ही घाट में पानी पिएं – शेर को अपनी ताकत पर घमंड न हो और न ही बकरी को अपनी कमजोरी का मलाल। यह संतुलन बनाए रखना हमारी सर्वोच्च जिम्मेदारी है।”

राष्ट्र निर्माण में पुलिस की भूमिका

ओपी सिंह ने अपने पत्र में पुलिसकर्मियों से कहा कि वे अपने दैनिक कार्यों को केवल ड्यूटी नहीं समझें, बल्कि इसे राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका के रूप में देखें। उन्होंने कहा कि पुलिस का प्रभावी होना सीधे तौर पर समाज की सुरक्षा, लोगों की शांति, कारोबार और रोजगार पर असर डालता है। DGP ने लिखा:
आपके होने से लोग चैन की सांस लेते हैं, कारोबार बढ़ता है, रोजगार सृजित होते हैं और समाज व्यवस्थित होता है। पुलिस सिर्फ कानून लागू करने वाली संस्था नहीं, बल्कि लोगों की सुरक्षा और विश्वास की सबसे बड़ी गारंटी है।”

शहीद पुलिसकर्मियों को नमन

अपने पत्र में ओपी सिंह ने हरियाणा पुलिस के उन 84 शहीद कर्मियों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने ड्यूटी पर अपने प्राण न्योछावर किए। उन्होंने लिखा कि देश और प्रदेश की सुरक्षा और निर्बाध तरक्की के लिए इन वीरों ने सर्वोच्च बलिदान दिया। DGP ने पुलिसकर्मियों से अपील की कि वे इन बलिदानों को याद रखें और उनके सपनों को पूरा करने में अपनी भूमिका निभाएं।

जनता को राहत, संरक्षण और सहयोग

DGP ने अपने पत्र के अंत में पुलिसकर्मियों से कहा कि जनता ने लंबे समय तक कष्ट झेला है और अब उन्हें पुलिस से राहत, सुरक्षा और सहयोग की उम्मीद है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुलिसकर्मियों का आचरण ऐसा होना चाहिए कि वे दूसरों के लिए प्रेरणा और विश्वास का स्रोत बनें। DGP ने लिखा:सही और गलत में हमेशा सही का साथ दीजिए। इसके लिए जो भी कीमत चुकानी पड़े, उसे चुकाने में संकोच न करें।”

पूरन कुमार सुसाइड केस के बाद बड़ा फेरबदल

इस पत्र का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि यह नियुक्ति IPS वाई पूरन कुमार के सुसाइड केस के तुरंत बाद हुई है। इस केस में पूर्व DGP शत्रुजीत कपूर पर गंभीर आरोप लगे थे और उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया। इसी के बाद सरकार ने IPS ओपी सिंह को पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त चार्ज सौंपा। ओपी सिंह ने 14 अक्टूबर को पदभार संभाला और अगले ही दिन पूरे पुलिस बल को यह प्रेरक पत्र लिखा।

इस पत्र को पुलिस बल के भीतर विश्वास, प्रेरणा और जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करने वाला कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पत्र न केवल पुलिसकर्मियों के मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि समाज में कानून के प्रति सम्मान और नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा।

 

 

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