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उल्कापिंड़ या राकेट के टुकड़े?हरियाणा के कईं जिलों में दिखी आसमान में रहस्यमयी चमकदार रोशनी

दिल्ली-NCR में आसमान में देर रात एक रहस्यमयी रोशनी देखी गई, जिसने सभी को हैरान कर दिया। यह घटना उल्कापिंड या रॉकेट के टुकड़े के कारण हुई हो सकती है।

दिल्ली-NCR में एक वीडियो लोग आपस में शेयर कर रहे हैं। इस वीडियो के आधार पर यह घटना शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात की है, जब दिल्ली-NCR के ऊपर एक रहस्यमयी रोशनी देखी गई। इस घटना ने दर्शकों और वैज्ञानिकों को बात करने पर मजबूर कर दिया है।

यह रोशनी हरियाणा के गुरुग्राम, भिवानी, झज्जर, पलवल और नूंह जिलों में देखी गई। लोगों ने इस घटना के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। इनमें कोई इस रोशनी को टूटता तारा, कोई उल्कापिंड, कोई सैटेलाइट तो कोई पाकिस्तान की ओर से भेजा गया ड्रोन बोल रहा है।

हालांकि, जब इस बारे में खगोल विज्ञानी से बात की गई तो उन्होंने दावा किया कि यह उल्कापिंड था। उन्होंने बताया है कि पृथ्वी से इसकी दूरी करीब 300 किमी रही होगी, वहीं इसका आकार एक छोटी चट्‌टान के बराबर रहा होगा। हालांकि, धरती पर वह कहीं टकराया नहीं। वह हवा में ही यह आग लगने से राख हो गया।

क्या है उल्कापिंड?

वैज्ञानिक उल्कापिंड को एक अंतरिक्ष चट्टान या उल्कापिंड के रूप में बताते हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, जिससे उसके आसपास की हवा घर्षण के कारण तीव्र रूप से चमकती है, जिससे वह बनता है और आमतौर पर इसे टूटता तारा कहते हैं।

उल्कापिंडों की बारिश

उल्कापिंडों की वर्षा हर साल होती है क्योंकि पृथ्वी धूमकेतुओं द्वारा छोड़े गए मलबे के निशानों से होकर गुजरती है। हाल के दिनों में, दिल्ली-NCR में मौसम में उतार-चढ़ाव देखा गया है और इस क्षेत्र में हल्की बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है, क्योंकि मानसून 21 या 22 सितंबर तक विदा होने वाला है।

वैज्ञानिक भविष्यवाणी

कुछ वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि एक विशाल उल्कापिंड, जो दिल्ली स्थित ऐतिहासिक स्मारक कुतुब मीनार से भी बड़ा है, हमारे ग्रह, पृथ्वी के पास से गुजरेगा। इस बीच, इस घटना ने दिल्ली और आस पास के राज्यों के नागरिकों में उत्सुकता और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।

फिलहाल इस वीडियो को लेकर अधिकारिक तौर पर कोई बयान सामने नहीं आया है। लेकिन आसमान में देखी गई इस रहस्यमयी रोशनी ने सभी को हैरान और उलझन में डाल दिया है। फिलहाल अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह घटना उल्कापिंड या रॉकेट के टुकड़े के कारण बनी कुछ रोशनी हो सकती है। वैज्ञानिक इस घटना की जांच कर रहे हैं और इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं।

 

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