राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण का विषय अब अंतिम रूप लेने लगा है। मंदिर निर्माण समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि त्रिकोण आकार में भगवा रंग का ध्वज शिखर पर फहराया जाएगा, जिसकी लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट होगी।
निर्णय का स्वरूप एवं प्रतीक
धर्म समिति की बैठक में तय हुआ कि ध्वज त्रिकोणाकार होगा, न कि पारंपरिक चौकोर पताका। ध्वज का रंग भगवा / केसरिया होगा, जो हिन्दू धर्म की पारम्परिक पहचान माना जाता है। इसके ऊपर “सूर्यवंशी” चिह्न या अन्य प्रतीक (जैसे रामो विग्रहवान् धर्मः) अंकित किए जाने की बात चल रही है ध्वज की ऊँचाई-चौड़ाई के निर्धारण में तकनीकी और शास्त्र-सम्मत दृष्टिकोण का भी ध्यान रखा गया है, ताकि उच्च स्थान पर हवा और दबाव में स्थिरता बनी रहे। शास्त्र और परंपरा की भूमिका कहा जा रहा है कि ध्वज डिजाइन शास्त्रों और वाल्मीकि रामायण वर्णन अनुसार होगा। भगवा / केसरिया रंग को हिन्दू परंपरा में त्याग, वीरता, साहस और धर्म के प्रतीक माना जाता है त्रिकोणीय ध्वज का प्रयोग हिन्दू ध्वज परंपरा में व्यापक है और इसे “पताका” की श्रेणी में माना जाता है
ध्वजारोहण समारोह 25 नवंबर 2025 को निर्धारित किया गया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में मुख्य आतिथि हो सकते हैं और सम्भवतः स्वयं शिखर पर ध्वज फहराएंगे। इसके पूर्व कार्यक्रम और अनुष्ठानों की रूपरेखा, अतिथियों की सूची और सुरक्षा व्यवस्था आदि पर विचार-विमर्श जारी है
इतने ऊँचे शिखर और 22 फीट लंबी ध्वज को हवा एवं वायु दबाव से बचाना एक तकनीकी चुनौती है। ध्वज की सामग्री (कपड़ा, मोटाई) एवं टिकाऊपन पर भी विशेष ध्यान देना पड़ेगाप्रतीकों और डिज़ाइन पर सभी मत-सम्मतियों का समावेश जरूरी होगा, जिससे विवाद से बचा जा सके। मीडिया में अभी “21 फीट” का भी जिक्र है — इसका कारण संभवत: प्रारंभिक प्रस्ताव या लेखन भिन्नता हो सकती है।