किन्नौर जिले के पूह खंड में स्थित शिपकी ला (दर्रा) के रास्ते चीन के साथ व्यापार अगले साल से शुरू होने की तैयारी जोरों पर है। हिमाचल प्रदेश सरकार और उद्योग विभाग ने इसके लिए विदेश मंत्रालय से पत्राचार किया है और व्यापार शुरू करने की मंजूरी और दिशा-निर्देश (guidelines) जारी करने का अनुरोध किया है।
विदेश मंत्रालय इस समय व्यापार शुरू करने के लिए गाइडलाइन तैयार कर रहा है। मंजूरी मिलने के बाद, कारोबारियों को उपायुक्त किन्नौर की ओर से व्यापार पास जारी किए जाएंगे। हालांकि इस वर्ष, गाइडलाइन जारी न होने के कारण पास जारी नहीं किए गए।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने घोषणा की है कि अगले साल से इस मार्ग पर व्यापार शुरू किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने पास देने का अधिकार पहले 4 जुलाई 2011 को किन्नौर के उपायुक्त को दे दिया था। 2019 तक, उपायुक्त हर साल 1 जून से 30 नवंबर के बीच व्यापार शुरू करने और बंद करने के संबंध में वार्षिक आदेश जारी करते रहे।
साल 2020 में COVID-19 महामारी के कारण व्यापार मार्ग बंद हो गया था और अब तक व्यापार शुरू करने के आदेश नहीं जारी किए गए थे। हाल ही में चीन के विदेश मंत्री की भारत यात्रा के दौरान भारत-चीन व्यापार फिर शुरू करने पर सहमति बनी।
पुराने समय में व्यापार
शिपकी ला पंचायत नमग्या के अधीन आता है। पंचायत प्रधान बलदेव सिंह नेगी ने बताया कि उनके पूर्वज घोड़े और खच्चरों के जरिए चीन में व्यापार करते थे।
1994 में भारत-चीन समझौते के तहत शिपकी ला को औपचारिक व्यापार मार्ग घोषित किया गया।
इंडो-चाइना व्यापार मंडल संघ की भूमिका
इंडो-चाइना व्यापार मंडल संघ के प्रधान हिशाय नेगी ने बताया कि संघ ने सरकार से 1 जून से 30 सितंबर तक चीन से व्यापार करने के लिए 150 कारोबारियों के पास बनाने का आवेदन किया है।
इस कदम से हिमाचल प्रदेश और भारत-चीन दोनों देशों के कारोबारियों के लिए नई व्यापार संभावनाओं का द्वार खुलेगा।
शिपकी ला के रास्ते व्यापार शुरू होने से किन्नौर और हिमाचल प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
इससे स्थानीय व्यापारी और छोटे उद्योगों को अवसर मिलेगा।
भारत-चीन व्यापार संबंधों में स्थिरता और विश्वास बढ़ेगा।