BREAKING

USA

डोनाल्ड ट्रंप को लगा बड़ा झटका ,पोर्टलैंड में सेना की तैनाती पर रोक ,US फेडरल कोर्ट ने लगाई रोक

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फैसले को बड़ा झटका लगा, जिसमें उन्होंने ओरेगन के पोर्टलैंड शहर में 200 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया था।पोर्टलैंड की फेडरल कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन की ओर से ओरेगन नेशनल गार्ड के 200 सदस्यों की तैनाती पर अस्थायी रोक लगा दी है। जज करिन इमरगुट ने शनिवार को यह फैसला सुनाया, जो कम से कम 18 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा। यह आदेश ट्रंप की उस योजना को रोकता है, जिसमें वे पोर्टलैंड के ICE  सुविधाओं की सुरक्षा के नाम पर सैन्य बल तैनात करना चाहते थे। ट्रंप ने हाल ही में पोर्टलैंड को ‘युद्धग्रस्त शहर’ करार देते हुए कहा था कि वहां घरों में आग लग रही है और अराजकता फैली हुई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 27 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर घोषणा की थी कि वे ओरेगन गवर्नर टिना कोटेक से बात कर चुके हैं और सैनिक भेजने का फैसला कर लिया है। लेकिन राज्य और शहर के अधिकारियों ने इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हुए कोर्ट का रुख किया था।

कानूनी लड़ाई की BACKGROUND  में ओरेगन अटॉर्नी जनरल डैन रेफील्ड ने 28 सितंबर को मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया कि ट्रंप का यह कदम असंवैधानिक है। वकीलों ने तर्क दिया कि पोर्टलैंड में हाल के विरोध प्रदर्शन छोटे, शांतिपूर्ण और सीमित हैं, जो 2020 के बड़े विरोधों से बिल्कुल अलग हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप केवल राजनीतिक रूप से असहमत डेमोक्रेटिक शहरों को निशाना बना रहे हैं, जो अमेरिकी संविधान के 10वें संशोधन का उल्लंघन है। जज इमरगुट, जिन्हें ट्रंप ने ही 2019 में नियुक्त किया था।  उन्होंने अपने फैसले में लिखा, ‘राष्ट्रपति को सैन्य फैसलों में सम्मान दिया जाता है, लेकिन वे तथ्यों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। यहां कोई विद्रोह या कानून-व्यवस्था का गंभीर खतरा नहीं है।’

गौर करने वाली बात ये है कि ओरेगन की गवर्नर और पोर्टलैंड के मेयर दोनों कहते हैं कि हालात काबू में हैं और सैनिकों की जरूरत नहीं है। जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इसे कानून- व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताकर हस्तक्षेप कर रहे हैं।पोर्टलैंड में प्रोटेस्ट साल 2020 में शुरू हुआ था। जॉर्ज फ़्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद अमेरिका भर में Black Lives Matter आंदोलन हुआ। पोर्टलैंड उन शहरों में से था जहां लगातार, लंबे समय तक और कई बार हिंसक प्रदर्शन हुए। इसी के बाद ICE का विरोध और हाल के प्रदर्शन ज्यादातर ICE बिल्डिंग के आसपास केंद्रित हैं। प्रदर्शनकारी कहते हैं कि ICE इमारत का इस्तेमाल लोगों को गैरकानूनी तौर पर लंबे समय तक हिरासत में रखने के लिए किया जा रहा है। शहर ने भी ICE को LAND USE VIOLATION का नोटिस दिया है। हाल ही में एक गिलोटिन प्रदर्शनकारियों ने ICE बिल्डिंग के बाहर लगाया, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने असामान्य और खतरनाक व्यवहार कहा। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि घरेलू आतंकवादी ICE और अन्य संघीय संस्थाओं को निशाना बना रहे हैं।

पोर्टलैंड के अधिकारी और स्थानीय समूह लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि 2020 के अशांत दौर के बाद से डाउनटाउन क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। मेजर सिटीज चीफ्स एसोसिएशन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जून 2025 के बीच हिंसक अपराधों में 2024 की समान अवधि की तुलना में 17% की कमी आई है।ट्रंप पहले ही लॉस एंजिल्स और वाशिंगटन डी.सी की पुलिसिंग के लिए नेशनल गार्ड भेज चुके हैं, और उन्होंने कहा है कि वह कई अन्य शहरों में भी सेना भेजेंगे। इससे पहले शनिवार को, इलिनॉय के गवर्नर, जो एक डेमोक्रेट हैं, जेबी प्रिट्जकर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि ट्रंप उनकी आपत्तियों के बावजूद शिकागो में 300 नेशनल गार्ड सैनिक भेजने की तैयारी कर रहे हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

Subscribe to Our Newsletter!

This will close in 0 seconds