अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद हमास के कब्जे में इजरायली बंधकों की रिहाई की उम्मीद जगी है। ट्रंप के अल्टीमेटम के बाद हमास कई शर्तें मानने को तैयार है जिसमें बंधकों को छोड़ना शामिल है। हमास-इजरायल शांति समझौते के 72 घंटों के भीतर सभी इजरायली बंधकों को रिहा करना होगा जिसके बदले इजरायल भी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
पिछले दो साल से चल रहा इजरायल हमास युद्ध अब खत्म हो सकता है। हमास ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा पट्टी में युद्ध समाप्त करने की योजना को कुछ शर्तों के साथ मान लिया है। हमास ने लगभग सभी बड़ी शर्तों पर हामी भर दी है। ट्रंप की इस योजना में सत्ता छोड़ना और सभी शेष बंधकों को रिहा करना शामिल है। लेकिन अन्य मुद्दों पर फिलिस्तीनियों के साथ और विचार-विमर्श की आवश्यकता है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ये अल्टीमेटम दिया था कि हमास को रविवार शाम तक इस समझौते पर सहमत होना होगा, नहीं तो कड़ा एक्शन लिया जाएगा। हमास के इस ऐलान के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल को तुरंत गाजा में हमले बंद करने को कहा है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा- इज़राइल को गाज़ा पर बमबारी तुरंत रोकनी चाहिए।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा- हमास द्वारा अभी जारी किए गए बयान के आधार पर, मेरा मानना है कि वे स्थायी शांति के लिए तैयार हैं। इज़राइल को गाज़ा पर बमबारी तुरंत रोकनी चाहिए, ताकि हम बंधकों को सुरक्षित और जल्दी से बाहर निकाल सकें! अभी, ऐसा करना बहुत खतरनाक है। हम पहले से ही उन बारीकियों पर चर्चा कर रहे हैं जिन पर काम किया जाना है। यह सिर्फ़ गाज़ा की बात नहीं है, यह मिडिल ईस्ट में लंबे समय से शांति स्थापना की चाह में की जा रही कोशिश की बात है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा में जारी शांति प्रयास को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के नेतृत्व का समर्थन किए हैं. उन्होंने कहा कि गाजा में शांति प्रक्रिया निर्णायक दौर में है। ऐसे में हम बंधकों के रिहाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। पीएम मोदी ने गाजा में शांति प्रयासों को लेकर एक्स पर लिखा, “गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के लिए हम राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व का स्वागत करते हैं। बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम हैं। भारत स्थायी और न्यायसंगत शांति की दिशा में सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता रहेगा।हमास के इस फैसले और ट्रंप की गाजा पर बमाबारी रोकने की अपील पर पर इज़रायल का कहना है कि वह गाजा में युद्ध समाप्त करने की ट्रंप की योजना के ‘पहले चरण’ को लागू करने की तैयारी कर रहा है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया कि इज़रायल ट्रंप की योजना के अनुसार युद्ध समाप्त करने के लिए पूरा सहयोग करेगा।
बता दें कि इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने समझौते में देरी के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया था और हमास को अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर समझौते के इस आखिरी मौके में सफलता नहीं मिलती है, तो हमास पर ऐसा कहर टूटेगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में किसी न किसी तरह से शांति कायम की जाएगी। ट्रंप ने इस हफ्ते की शुरुआत में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ हुई बातचीत के बाद गाजा में युद्ध खत्म करने के लिए एक योजना पेश की थी। ट्रंप की इस योजना के तहत हमास बाकी के 48 बंधकों को तुरंत रिहा कर देगा जिनमें से लगभग 20 के जीवित होने की संभावना है। हमास गाजा की सत्ता छोड़ देगा और निरस्त्रीकरण भी करेगा। बदले में, इज़राइल गाजा में अपने हमले रोक देगा और गाजा के अधिकांश हिस्से से हट जाएगा, सैकड़ों फ़िलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा और मानवीय सहायता और पुनर्निर्माण की अनुमति देगा।
गाज़ा की अधिकांश आबादी को दूसरे देशों में स्थानांतरित करने की योजनाएं रद्द कर दी जाएंगी। लगभग 20 लाख फ़िलिस्तीनियों का क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय शासन के अधीन कर दिया जाएगा, जिसकी देखरेख ख़ुद ट्रंप और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर करेंगे।7 अक्टूबर 2023 को गाजा से हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर हमला किया। इस हमले में लगभग 1200 लोगों की हत्या हुई थी, जबकि 200 लोगों को बंधक बनाया गया था। 2 सालों में हमास ने कई बंधकों को रिहा किया, लेकिन उसके कब्जे में अब भी 48 लोग हैं। इन रिहा किए गए बंधकों में महिलाएं एवं बच्चे थे।