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PHILIPPINES में तूफान कालमेगी का कहर,राष्ट्रपति ने घोषित किया आपातकाल,200 से अधिक लोग मृतक और लापता, राहत और बचाव कार्य लगातार जारी

फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनांड मार्कोस जूनियर ने गुरुवार को देश में आपातकाल की घोषणा की है। यह कदम उस समय लिया गया जब देश शक्तिशाली तूफान कलमेगी (Typhoon Kalmaegi) की चपेट में है, जिससे कम से कम 200 से अधिक लोगों की मौत और लापता  हैं। मिली जानकारी के अनुसार, तूफान के कारण अब तक 114 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें अधिकांश की मौत अचानक आई बाढ़ में डूबने से हुई हैं। इसके अलावा 127 लोग लापता हैं।सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र मध्य प्रांत सेबू है। यहां बाढ़ और भूस्खलन ने कई गांवों को तबाह कर दिया। अकेले सेबू प्रांत में 49 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, और 13 लोग अभी भी लापता हैं।

प्रभावित लोग और विस्थापन

कलमेगी तूफान के कारण लगभग 20 लाख लोग प्रभावित हुए, और 5.6 लाख से अधिक ग्रामीणों को विस्थापित होना पड़ा। इनमें से करीब 4.5 लाख लोगों को आपातकालीन शिविरों में शरण दी गई। बाढ़ के कारण कई घरों में पानी भर गया और लोगों को अपनी छतों पर शरण लेनी पड़ी।

राहत और बचाव कार्य लगातार जारी

फिलीपींस की सेना और नागरिक सुरक्षा अधिकारी लगातार राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं। हालांकि, तूफान की तेज़ हवाओं और बारिश के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है। दक्षिणी अगूसन डेल सूर प्रांत में मंगलवार को वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर लोगों की मदद के लिए आया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें छह सैनिकों की मौत हो गई।प्रशासन ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन कोष और राहत सामग्री की आपूर्ति तेज़ कर दी है।सेबू की गवर्नर पामेला बारिकुआट्रो ने बताया कि प्रशासन ने तूफान से पहले चेतावनी जारी कर दी थी, लेकिन बाढ़ इतनी तेज़ थी कि हालात बेकाबू हो गए।कई क्षेत्रों का संपर्क टूट गया।कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास के बावजूद, कुछ क्षेत्रों में नुकसान अत्यधिक हुआ।बताया जा रहा है कि अब तक 24 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं।

राष्ट्रपति मार्कोस ने कहा कि आपातकाल की घोषणा से सरकार को राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से लागू करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, खाद्य सामग्री की जमाखोरी और कीमतों में अत्यधिक वृद्धि पर रोक लगाने में भी यह कदम सहायक होगा।

प्राकृतिक आपदाओं की चुनौतियां

फिलीपींस, जो प्रशांत महासागर के रिंग ऑफ फायरक्षेत्र में स्थित है, अक्सर तूफानों, भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों जैसी प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आता है। कालमेगी तूफान ने एक बार फिर देश की आपदा प्रबंधन प्रणाली की चुनौतियों को उजागर किया है। प्रशासन और नागरिक सुरक्षा अधिकारी राहत कार्य में पूरी ताकत से जुटे हैं और लोगों से संयम और सतर्कता बनाए रखने का अनुरोध किया गया है।

 

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