पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान क्षेत्र में शुक्रवार को एक सुनियोजित आत्मघाती हमले में सात सैनिकों की मौत हो गई और 13 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली है। घटना मीर अली स्थित खादी सैन्य शिविर में हुई, जो पाकिस्तान की सेना के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
कैसे हुआ हमला
स्थानीय सुरक्षा अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमला बेहद सुनियोजित था। पहले, एक आतंकवादी कारी जुंदुल्लाह ने विस्फोटकों से भरे वाहन को शिविर की चारदीवारी से टकरा दिया। इसके तुरंत बाद, दो अन्य आत्मघाती हमलावरों ने शिविर में प्रवेश कर गोलीबारी शुरू की। सेना और आतंकवादियों के बीच हुई भीषण गोलीबारी और धमाकों के चलते पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।पाकिस्तानी सेना ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कई मिलिट्री हेलिकॉप्टर तैनात किए और हमलावरों को रोकने की कोशिश की। अधिकारियों ने इस हमले को हाल के महीनों में उत्तरी वजीरिस्तान में हुए सबसे गंभीर आतंकवादी हमलों में से एक बताया।
TTP ने ली जिम्मेदारी
TTP ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि हमला उनकी खालिद बिन वलीद फिदायीन यूनिट और तहरीक-ए-तालिबान गुलबहादुर गुट ने मिलकर अंजाम दिया। संगठन ने बताया कि यह हमला पाकिस्तान की सेना द्वारा हाल ही में किए गए हवाई हमलों का बदला है, जिसमें उनके कई लड़ाके और आम नागरिक मारे गए थे।
बाजौर में भी धमाका
इसी बीच, बाजौर जिले के मामुंड तांगी शाह इलाके में एक और विस्फोट हुआ। बताया गया कि यह सड़क किनारे खड़े विस्फोटकों से भरे वाहन में हुआ। हालांकि इस धमाके में किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है। सुरक्षा बलों ने घटनास्थल की घेराबंदी कर आतंकवादी गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है।
पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव
ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है। पिछले हफ्ते काबुल पर पाकिस्तानी हवाई हमलों के बाद दोनों देशों ने 48 घंटे के अस्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई थी।पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को कहा कि बार-बार होने वाले आतंकवादी हमलों के मद्देनज़र इस्लामाबाद ने ‘जवाबी कार्रवाई’ की है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान तनाव को कम करने के लिए बातचीत के लिए तैयार है। हालांकि, अफगान तालिबान ने शहबाज शरीफ के आरोपों को खारिज करते हुए पाकिस्तान पर सीमा पर तनाव बढ़ाने और ISIS से जुड़े आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया।
पाकिस्तान की सुरक्षा में हड़कंप
हमले के बाद पाकिस्तान में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर हड़कंप मच गया। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें सैन्य प्रमुख और केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। बैठक में पाकिस्तान-अफगान तालिबान के बीच बढ़ते तनाव, सीजफायर की स्थिति और आतंकियों पर की जाने वाली कार्रवाई जैसे विषयों पर चर्चा हुई।मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, हाल के दिनों में खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में तेजी आई है। पाकिस्तान लंबे समय से अफगान तालिबान पर आरोप लगाता रहा है कि वह TTP के आतंकियों को पनाह देता है, जो पाकिस्तान में हमले करते हैं।
खतरे का संकेत
विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला सिर्फ एक सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की भीतरू सुरक्षा चुनौतियों और अफगानिस्तान के साथ बिगड़ते संबंधों को उजागर करता है। सीजफायर समाप्त होने से ठीक पहले हुए इस हमले ने साफ संकेत दे दिया है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान को और बड़े आतंकवादी हमलों का सामना करना पड़ सकता है।