अमेरिका ने पाकिस्तान को आधुनिक हथियारों की सप्लाई को लेकर एक बड़ा झटका दिया है। हाल ही में मीडिया में यह खबर आई थी कि अमेरिका पाकिस्तान को एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (AMRAAM) देने वाला है, लेकिन अमेरिकी दूतावास ने इसे स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान को कुछ हथियार और उपकरण उपलब्ध कराए जा सकते हैं, लेकिन किसी भी नए हथियार की डिलीवरी की योजना नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स और अमेरिका का खंडन
पिछले कुछ दिनों से कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि अमेरिकी रक्षा विभाग (Department of War) ने पाकिस्तान को AMRAAM मिसाइलों की आपूर्ति की मंजूरी दे दी है। इन रिपोर्ट्स में कहा गया कि अमेरिका की एरिज़ोना स्थित रेथियोन कंपनी पाकिस्तान को आधुनिक मिसाइलें मुहैया कराएगी। इन खबरों को पाकिस्तान की वायु सेना की सैन्य क्षमताओं में बढ़ोतरी के रूप में देखा जा रहा था।
लेकिन अमेरिकी दूतावास ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। दूतावास के बयान में कहा गया, “30 सितंबर को युद्ध विभाग ने कई देशों को हथियार और उपकरण बेचने की अनुमति दी थी, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल था। लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि पाकिस्तान को AMRAAM मिसाइलों की डिलीवरी होगी, यह पूरी तरह गलत है। पाकिस्तान की मौजूदा सैन्य क्षमताओं में किसी भी तरह की बढ़ोतरी का कोई विचार नहीं है।”
पाकिस्तान की पहले की खरीदारी और नई डील की अफवाहें
यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान ने AMRAAM मिसाइलों की खरीदारी की है। साल 2007 में पाकिस्तान ने अमेरिका से 700 AMRAAM मिसाइलें खरीदी थीं, जो उसने अपने एफ-16 लड़ाकू विमानों के लिए इस्तेमाल की थीं। यह उस समय हवा से हवा में मार करने वाली AMRAAM मिसाइलों का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर था।
नई डील की अफवाहें इस समय उभरीं क्योंकि सितंबर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी। इन मुलाकातों के बाद मीडिया में यह चर्चा शुरू हुई कि अमेरिका पाकिस्तान को नई मिसाइलें देने वाला है। लेकिन अब अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी कोई योजना नहीं है।
AMRAAM मिसाइल की खासियत
AMRAAM (Advanced Medium-Range Air-to-Air Missile) मिसाइल अमेरिकी वायुसेना की घातक एयर-टू-एयर मिसाइल है। इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
लॉक-ऑन टारगेटिंग यह मिसाइल अपने टारगेट को लॉक कर उसके नष्ट होने तक पीछा करती है।इसका निर्माण ह्यूजेस एयरक्राफ्ट कंपनी और रेथियोन कंपनी मिलकर करती हैं।इसका लंबाई 143.9 इंच (366 सेंटीमीटर) और वजन 150.75 किलोग्राम होता है। इसकी मारक क्षमता हवा से हवा में लगभग 20 मील तक मार करने में सक्षमता है। इसकी गति सुपरसोनिक है जो पलक झपकते ही लक्ष्य को तबाह कर देती है।इसे सितंबर1991 में अमेरिकी सेना मे शामिल किया गया था।
भारत के लिए भी यह खबर पहले चिंताजनक थी, क्योंकि अगर पाकिस्तान को नई AMRAAM मिसाइलें मिलतीं, तो इससे उसकी वायु सेना की क्षमताओं में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती थी। लेकिन अमेरिकी दूतावास ने अब इसका खंडन कर दिया है।
अमेरिका और पाकिस्तान का संबंध
पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में कई बार अमेरिकी नेतृत्व के साथ अपनी कूटनीतिक और सैन्य बातचीत को मजबूत किया है। पाकिस्तान के PM और सेना प्रमुख की ट्रंप से मुलाकातों के बाद उम्मीद की जा रही थी कि अमेरिका से नई हथियार डील संभव हो सकती है। लेकिन अमेरिकी दूतावास के स्पष्ट बयान ने इस उम्मीद को धक्का दे दिया।