दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में युवाओं की Gen Z पीढ़ी द्वारा भ्रष्टाचार और बढ़ते अपराध के खिलाफ शुरू किया गया प्रदर्शन अब गंभीर रूप ले चुका है। गुरुवार को राजधानी लीमा समेत देशभर में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान 32 वर्षीय हिप-हॉप गायक और प्रदर्शनकारी एडुआर्डो रूइज की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि कम से कम 100 लोग घायल हुए। इनमें 80 पुलिस अधिकारी और 10 पत्रकार शामिल हैं।यह प्रदर्शन पहले युवाओं के बेहतर वेतन और पेंशन की मांगों को लेकर शुरू हुआ था, लेकिन अब यह पेरू के नए राष्ट्रपति जोस जेरी के खिलाफ उनके इस्तीफे की मांग में बदल गया है।
पेंशन और बेहतर भविष्य की मांग
प्रदर्शन की शुरुआत 20 सितंबर को हुई थी। युवाओं ने सरकार से बेहतर वेतन और पेंशन योजनाओं की मांग की थी। पेरू में पेंशन सुधार के नियमों में बदलाव के बाद यह नाराजगी और तेज हो गई। नए नियम के तहत देश में 18 साल से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को किसी न किसी पेंशन कंपनी से जुड़ना होगा।लेकिन जैसे-जैसे आंदोलन आगे बढ़ा, यह केवल आर्थिक मांगों तक सीमित नहीं रहा। युवाओं ने भ्रष्टाचार, बढ़ती असुरक्षा और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ भी अपनी आवाज उठानी शुरू की।
रैपर की मौत ने बढ़ाई नाराजगी
गुरुवार को हुए प्रदर्शनों में हिंसा ने भड़कते माहौल को और गंभीर बना दिया। प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। पुलिस ने आंसू गैस और रबर की गोलियां चलाईं, जबकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने आगजनी और पत्थरबाजी की।इस दौरान 32 वर्षीय हिप-हॉप गायक एडुआर्डो रूइज को गोली लगी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि एक व्यक्ति भीड़ से भागते हुए गोली चलाता है, जिसे गवाहों ने पुलिसकर्मी बताया।
राष्ट्रपति का इस्तीफा देने से इनकार
नए राष्ट्रपति जोस जेरी ने 10 अक्टूबर को राष्ट्रपति पद संभाला था, जब संसद ने पूर्व राष्ट्रपति दीना बोलुआर्ते को भ्रष्टाचार के आरोप में हटा दिया था। जोस जेरी ने अपने पहले दिनों में देश में अपराध को नियंत्रित करने का वादा किया था।हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने उनके खिलाफ इस्तीफे की मांग की। राष्ट्रपति जेरी ने साफ कहा, “मेरा दायित्व देश में स्थिरता बनाए रखना है। यही मेरी जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता है।” उन्होंने संसद से अपराध पर नियंत्रण के लिए विशेष अधिकार की मांग भी की।
राजनीतिक अस्थिरता
पेरू राजनीतिक रूप से अस्थिर रहा है। पिछले 5 वर्षों में यह देश अपने छठे राष्ट्रपति को देख रहा है। पिछले राष्ट्रपति दीना बोलुआर्ते को भ्रष्टाचार और सरकार की नाकामी के कारण संसद ने हटा दिया था। उनके शासनकाल में 2022 में हुए प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश की गई थी, जिसमें 50 लोग मारे गए थे।
वैश्विक Gen Z आंदोलन का हिस्सा
पेरू में यह आंदोलन वैश्विक Gen Z आंदोलन का हिस्सा है, जहां युवा वर्ग सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक असंतोष के चलते सड़कों पर उतर रहा है। पिछले एक महीने में नेपाल और मेडागास्कर में भी इसी तरह की राजनीतिक उथल-पुथल और सत्ता परिवर्तन हुए हैं।पेरू में Gen Z आंदोलन केवल युवाओं की आर्थिक मांगों तक सीमित नहीं रहा। यह भ्रष्टाचार, असुरक्षा, राजनीतिक अस्थिरता और सरकार के जवाबदेही के मुद्दे पर केंद्रित है। प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच जारी संघर्ष ने देशभर में तनाव पैदा कर दिया है।
देश की जनता और युवा पीढ़ी अब अपने नेताओं से साफ और जवाबदेही भरे फैसले की मांग कर रहे हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि राष्ट्रपति जोस जेरी और उनकी सरकार इस आंदोलन का शांतिपूर्ण समाधान कैसे निकालते हैं।