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BREAKING NEWS:टूट गया डोनाल्ड ट्रंप का सपना, वेनेज़ुएला की मारिया मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार से वंचित कर दिया गया है। नोबेल पुरस्कार समिति ने इस बार पुरस्कार वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को देने का फैसला किया है। मचाडो को यह सम्मान उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही शासन से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के संघर्ष के लिए दिया गया है।

मारिया मचाडो बनी विजेता

नोबेल कमेटी ने कहा कि वेनेज़ुएला में राजनीतिक काम करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण है। मचाडो ने सुमाते नामक संगठन की स्थापना की, जो लोकतंत्र और स्वतंत्र चुनावों के लिए काम करता है। उन्होंने देश में मुफ्त और निष्पक्ष चुनावों की मांग लगातार उठाई और नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष किया।

इस पुरस्कार के विजेता को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (लगभग 10.3 करोड़ रुपए), सोने का मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को ओस्लो, नॉर्वे में आयोजित किया जाएगा।

ट्रंप के लिए नोबेल की राह कठिन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे। हालांकि, इस बार नोबेल कमेटी ने उन्हें पुरस्कार देने से इंकार कर दिया।विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप ने हाल ही में गाजा सीजफायर प्लान पेश किया, जिसे इजराइल और हमास दोनों ने स्वीकार किया, लेकिन यह योजना नोबेल पुरस्कार के निर्णय पर इस बार प्रभाव नहीं डाल सकती। नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी की निना ग्रेगर के अनुसार, अगर गाजा में शांति स्थायी रहती है, तो अगले साल ट्रंप की दावेदारी मजबूत हो सकती है।

पुतिन का समर्थन और अंतरराष्ट्रीय नॉमिनेशन

नोबेल पुरस्कार के ऐलान से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी ट्रंप को पुरस्कार दिए जाने का समर्थन किया था, जो पूरी दुनिया के लिए चौंकाने वाली खबर थी।इसके अलावा, 8 देशों ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया था। इनमें पाकिस्तान, इजराइल, अमेरिका, आर्मेनिया, अजरबैजान, माल्टा और कंबोडिया शामिल हैं। कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया गया कि अर्जेंटीना ने भी ट्रंप का नामांकन किया।

हालांकि, नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी के नियमों के अनुसार, नामांकन की आखिरी तारीख 31 जनवरी 2025 थी, और ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के 11 दिन बाद ही इस प्रक्रिया में भाग लिया।

ट्रंप समर्थक संगठनों की प्रतिक्रिया

अमेरिका के सबसे बड़े यहूदी रिपब्लिकन संगठन रिपब्लिकन ज्यूइश कोएलिशन (RJC) ने ट्रंप को पुरस्कार देने की मांग की। RJC ने कहा कि वे ट्रंप के साहस और गाजा में बंधकों को छुड़ाने के उनके प्रयासों की तारीफ करते हैं।

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी X (पूर्व ट्विटर) पर ट्रंप को योग्य उम्मीदवार बताया और एक तस्वीर सांझा की जिसमें वे ट्रंप को नोबेल पुरस्कार देते दिख रहे हैं।
माल्टा के विदेश मंत्री इयान बोर्ग ने भी फेसबुक पर ट्रंप के समर्थन में पोस्ट किया।

नोबेल पुरस्कार की स्थापना और इतिहास

नोबेल पुरस्कार की स्थापना 1895 में वैज्ञानिक अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल की वसीयत के अनुसार हुई थी। पहला पुरस्कार 1901 में दिया गया। शुरुआत में यह पुरस्कार केवल फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य और शांति के क्षेत्र में ही दिया जाता था, बाद में इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में भी इसे शामिल किया गया।

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