फ्रांस ने मंगलवार को औपचारिक तौर पर फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दे दी है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूनाइटेड नेशंस की मिडिल ईस्ट पीस प्रोसेस की मीटिंग के दौरान ये ऐलान किया। इससे पहले ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल भी पिछले 36 घंटे में फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता दे चुके हैं। इजरायल और अमेरिका ने अब तक ऐसा नहीं किया है और इटली ने भी फिलिस्तीन को मान्यता नहीं दी है। ऐसे में अब इटली में PM जॉर्जिया मेलोनी के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए हैं । सोमवार को मिलान, रोम, वेनिस, नेपल्स और जेनोआ समेत कई शहरों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं। ट्रेड यूनियनों ने ‘लेट्स ब्लॉक एवरीथिंग’ नाम से हड़ताल का आह्वान किया। जिसमें गाजा में हो रही हिंसा और हजारों मौतों के खिलाफ आवाज उठाई गई।
काले कपड़े पहनकर आए प्रदर्शनकारी
इटली की सरकार के खिलाफ फिलिस्तीन समर्थकों के प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं। प्रदर्शनकारी गाजा के समर्थन में फौरन युद्धविराम की मांग कर रहे हैं। इटली के मिलान शहर में काले कपड़े पहनकर सैकड़ों प्रदर्शकारी मिलान के सेंट्रल ट्रेन स्टेशन में घुस गए। हाथों में लाठियां लेकर आए इन प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पहुंची पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने स्मोक बम, बोतलें और पत्थर फेंके। प्रदर्शनकारियों ने पूरे स्टेशन में कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की, सरकारी इमारतों और सरकारी सामान को नुकसान पहुंचाया गया।
प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प
हिंसक प्रदर्शन के बाद इटली में ट्रेनें रोक दी गईं है और पोर्ट बंद कर दिए गए हैं। रोम और मिलान शहर में 10 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया है। 60 से ज्यादा पुलिसवाले इस हिंसक प्रदर्शन में घायल हुए है। गाजा के समर्थन में हुए प्रदर्शन के दौरान मिलान में पुलिस से प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने शहर के केंद्रीय रेलवे स्टेशन पर धावा बोला है। हजारों लोग सड़कों पर उतरे हैं और कई जगहों पर ट्रेनों को रोका है। पोर्ट भी बंद किए गए हैं। प्रदर्शन के दौरान लोगों की पुलिस से भी झड़प हुई है।
जॉर्जिया मेलोनी ने क्या कहा?
इटली के दक्षिण में स्थित पोर्ट टाउन नेपल्स सिटी में पोर्ट के जरिए बड़ा कारोबार होता है। लेकिन यहां पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जाम लगाने की कोशिश की और रेलवे स्टेशनों पर भी प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। जॉर्जिया मेलोनी अपना रुख साफ कर चुकी हैं कि उन पर दबाव बनाने के लिए इटली में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।
कईं देशों ने किया समर्थन
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी कई देशों ने इस दिशा में अपना समर्थन जताया है। हालांकि इस कारण मिलान में मेट्रो लाइन बंद रही और तूरिन व बोलोनिया में छात्रों ने यूनिवर्सिटी लेक्चर हॉल ब्लॉक कर दिए। पूरे देश में सार्वजनिक परिवहन और सेवाएं बाधित रहीं।