जापान की राजनीति में हाल ही में एक बड़ी हलचल देखी गई है। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) की नई प्रमुख साने ताकाइची ने पार्टी के चुनावी मुकाबले में जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है। इस जीत के साथ ही उनका नाम जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की संभावित सूची में सबसे आगे आ गया है।

शनिवार को हुए पार्टी अध्यक्ष चुनाव के दूसरे राउंड में ताकाइची ने पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी के बेटे, शिंजिरो कोइज़ुमी को हरा कर जीत दर्ज की। पहले राउंड में किसी भी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिला था, जिसके चलते रन-ऑफ वोटिंग आयोजित की गई। अब जापानी संसद 15 अक्टूबर को नए प्रधानमंत्री के लिए मतदान करेगी, और पूरी दुनिया की नजरें जापान पर टिकी हैं।
पुरुष-प्रधान राजनीति में महिला चेहरा
64 वर्षीय साने ताकाइची जापान की राजनीति में एक मजबूत और रूढ़िवादी चेहरा हैं। वे LDP के दक्षिणपंथी धड़े से आती हैं, वही धड़ा जिसने पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे जैसे नेताओं को समर्थन दिया। हालांकि जापानी संसद में महिलाओं की हिस्सेदारी अभी भी बहुत कम है। निचले सदन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगभग 15% है, और पूरे देश में केवल दो प्रीफेक्चुरल गवर्नर महिलाएं हैं। ऐसे में ताकाइची का सत्ता में आना महिला प्रतिनिधित्व के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
सख्त रूढ़िवादी रुख
साने ताकाइची अपनी नीतियों और विचारों में पारंपरिक रूढ़िवादिता की पैरोकार हैं। उन्होंने कई मुद्दों पर रूढ़िवादी रुख अपनाया है।उन्होने समलैंगिक विवाह का विरोध किया।महिलाओं के शाही उत्तराधिकार का समर्थन न करना भी उनकी विचारधारा में शामिल है।विवाहित जोड़ों के अलग-अलग उपनाम रखने के कानून के खिलाफ होना यह उनकी विचारधारा है।
हालांकि, उन्होंने महिला स्वास्थ्य और कार्यस्थल पर महिलाओं के समर्थन के महत्व पर खुले तौर पर बात की है। MENOPAUSE जैसी स्वास्थ्य चुनौतियों के बारे में उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पुरुषों को महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना चाहिए।
3 दशक का सियासी सफर
ने 1993 में नारा प्रांत से पहली बार सांसद के रूप में राजनीति में कदम रखा। इसके बाद उनका सफर लगातार आगे बढ़ता रहा।आर्थिक सुरक्षा, आंतरिक मामलों और लैंगिक समानता मंत्रालय में मंत्री रही हैं।LDP के प्रमुख और पार्टी के उच्च पदों पर कार्य किया है ।साने ताकाइची जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के भरोसेमंद सहयोगियों में शामिल है।
ताकाइची की प्रेरणा ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर रही हैं। थैचर की तरह ताकाइची को भी राजनीति में “आयरन लेडी” के नाम से जाना जाता है। उनके सख्त और आत्मविश्वासी फैसलों ने उन्हें जापान की पुरुष प्रधान राजनीति में अपनी पहचान दिलाई।
जापान में राजनीतिक अस्थिरता
पिछले पांच साल में जापान में पांच नए प्रधानमंत्री आए हैं।
शिंजो आबे (2020 तक) उसके बाद योशिहिदे सुगा ,फुमिया किशिदा व शिगेरु इशिबा सितंबर 2024 तक प्रधानमंत्री रहे। और अब संभावित नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची बनेगी।इस बीच, LDP ने दोनों सदनों में बहुमत खो दिया था, और आंतरिक दबाव के कारण शिगेरु इशिबा ने इस्तीफा दे दिया।
क्या ये बदलाव है या परंपरा की वापसी?
साने ताकाइची की जीत महिला राजनीति में कदम के तौर पर देखी जा रही है, लेकिन उनके रूढ़िवादी विचार यह सवाल भी खड़ा करते हैं कि क्या जापान वास्तव में सामाजिक बदलाव की ओर बढ़ रहा है या यह केवल पुरानी परंपरा का नया चेहरा है।एक ओर, ताकाइची की सत्ता में आना महिला नेतृत्व के लिए प्रेरक है, वहीं दूसरी ओर उनका कड़े रूढ़िवादी रुख बताता है कि जापान की राजनीति में बदलाव और परंपरा का मिश्रण ही आगे की कहानी तय करेगा।
नज़रें अब संसद पर
15 अक्टूबर को जापान की संसद में होने वाले मतदान के परिणाम तय करेंगे कि साने ताकाइची देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी या नहीं। जापान और दुनिया की निगाहें इस ऐतिहासिक पल पर टिकी हैं।











