मध्य पूर्व में दो साल से चल रही भयावह जंग के बाद आखिरकार शांति की एक नई सुबह दिखाई दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और 20 से अधिक विश्व नेताओं ने मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में गाजा संघर्षविराम समझौते (Gaza Peace Deal) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते को ट्रंप ने “नए मिडिल ईस्ट की सुबह (New Middle East)” बताया।इस डील के तहत हमास ने दो साल बाद सभी 20 इजरायली बंधकों को रिहा किया, जबकि इजरायल ने 2,000 से अधिक फिलिस्तीनी बंदियों को आज़ाद किया। इस ऐतिहासिक पल ने दुनियाभर में उम्मीद की नई किरण जगाई है।
काहिरा में ट्रंप समेत 20 नेताओं ने किया हस्ताक्षर
काहिरा में हुए इस शिखर सम्मेलन में अमेरिका, मिस्र, तुर्की, सऊदी अरब, कतर, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा, फ्रांस और भारत सहित 20 देशों के नेता मौजूद थे।
ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा –“यह डील अविश्वसनीय है। परिवार फिर से एक हो रहे हैं। सैकड़ों ट्रक गाजा में खाने-पीने की चीजें और दवाइयां लेकर पहुंच रहे हैं। यह मानवता की जीत है।”ट्रंप ने सऊदी अरब, मिस्र, तुर्की और कतर को मध्यस्थता के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि ये देश “शांति के असली वास्तुकार” हैं।
हमास ने सभी बंधकों को छोड़ा, चार शव भी लौटाए
हमास ने सोमवार को गाजा में कैद आखिरी 20 इजरायली नागरिकों को रिहा किया, जिनमें महिलाएं और बुज़ुर्ग शामिल थे।इसके अलावा, चार मृत बंधकों के शव भी रेड क्रॉस के हवाले किए गए।उनमें नेपाल के छात्र बिपिन जोशी का शव भी शामिल था, जिन्हें 7 अक्टूबर 2023 के हमले के दौरान अगवा किया गया था।इजरायल में बंधकों की वापसी के बाद देशभर में भावनात्मक दृश्य देखने को मिले — अस्पतालों के बाहर परिवार एक-दूसरे से गले मिलते नजर आए।
वेस्ट बैंक और गाजा में जश्न का माहौल
इजरायल द्वारा 2,000 फिलिस्तीनी बंदियों की रिहाई के बाद वेस्ट बैंक और गाजा में लोगों ने सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया।रिहा हुए कैदियों में 250 उम्रकैद पाए कैदी और 1,700 बिना आरोप वाले बंदी शामिल थे। बसों के ज़रिए जब ये लोग अपने घर पहुंचे, तो हजारों लोग फूलों और झंडों से उनका स्वागत करने पहुंचे।
Sharm el-Sheikh Conference में ट्रंप की ऐतिहासिक घोषणा
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि“यह आतंक और मौत के युग का अंत है। यह आस्था, उम्मीद और ईश्वर के युग की शुरुआत है। यह समझौता गाजा और पूरे मिडिल ईस्ट के भविष्य की नींव रखेगा।”उन्होंने आगे कहा कि यह “नए मिडिल ईस्ट” की दिशा में पहला ठोस कदम है, जहां “हर व्यक्ति को समान अवसर, सुरक्षा और सम्मान मिलेगा।”सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने समझौते का अंतिम पेज प्रेस को दिखाया, जिसके शीर्ष पर लिखा था-“हर व्यक्ति को सम्मान, शांति और बराबर मौके मिलने चाहिए।”
इजराइल और हमास शामिल नहीं हुए
दिलचस्प बात यह रही कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन में न तो इजराइल और न ही हमास के प्रतिनिधि शामिल हुए।दोनों पक्षों ने समिट में भाग लेने से इनकार कर दिया था। बावजूद इसके, ट्रंप, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन, और कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी ने संयुक्त रूप से इस दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए।ट्रंप ने कहा -“इजराइल और हमास की अनुपस्थिति के बावजूद, यह दस्तावेज़ गाजा के भविष्य की दिशा तय करेगा।”
नेतन्याहू को ट्रंप का समर्थन
ट्रंप ने इस मौके पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू ने “कठिन परिस्थितियों में भी शांति की दिशा में साहसिक कदम उठाए।”ट्रंप ने यहां तक कहा कि इजराइल के राष्ट्रपति को नेतन्याहू को माफी दे देनी चाहिए, जो इस समय घरेलू भ्रष्टाचार मामलों का सामना कर रहे हैं।
फिलिस्तीनियों के लिए ट्रंप का संदेश
इजराइली संसद को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि-“गाजा के फिलिस्तीनी अब स्थिरता, सुरक्षा, गरिमा और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करें। अब हथियार नहीं, शिक्षा और रोज़गार का समय है।”उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका गाजा के पुनर्निर्माण में मदद करेगा और राहत पैकेज की पहली खेप अगले सप्ताह पहुंच जाएगी।
पाकिस्तान ने ट्रंप को बताया ‘शांति पुरुष’, नोबेल पुरस्कार की मांग
सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी ट्रंप की खुलकर तारीफ की।शरीफ ने कहा कि -“राष्ट्रपति ट्रंप शांति के प्रतीक हैं। उन्होंने न केवल गाजा में युद्ध रोका बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु संघर्ष को भी टाल दिया। मैं उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के योग्य मानता हूं।”ट्रंप ने शरीफ की प्रशंसा स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें “दुनिया के सबसे कठिन इलाकों में शांति लाने पर गर्व” है। उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को “अपने पसंदीदा फील्ड मार्शल” बताया।
67,000 से अधिक लोगों की मौत, अब उम्मीद की किरण
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, दो साल से चली इस जंग में 67,000 से अधिक लोगों की मौत हुई, जबकि लाखों बेघर हो गए।उत्तरी गाजा में अकाल जैसी स्थिति थी। इस समझौते ने तबाही के बीच इंसानियत की एक नई उम्मीद जगाई है।शांति समझौते के पहले चरण के बाद अब दूसरे चरण पर बातचीत जारी है, जिसके तहत गाजा के पुनर्निर्माण और इजराइली सेना की वापसी की रूपरेखा तय होगी।हालांकि, इजरायल की पूरी सैन्य वापसी हमास के निरस्त्रीकरण पर निर्भर बताई गई है। जिससे भविष्य में फिर तनाव की संभावना बनी रह सकती है।
गाजा शांति समझौता न केवल मध्य पूर्व बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ है।ट्रंप के शब्दों में-“यह शांति, आस्था और उम्मीद का युग है। अब मिडिल ईस्ट जंग का नहीं, विकास का प्रतीक बनेगा।”दुनिया की नज़र अब गाजा पर है। जहां दो साल की राख के बाद अब शायद फिर से ज़िंदगी खिलने वाली है।