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अमेरिका में गहराया संकट: ट्रंप चौथी बार फंडिंग बिल पास कराने में नाकाम, सरकारी कर्मचारी बिना वेतन, राष्ट्रीय सेवाएं ठप्प आर्थिक गतिविधियां प्रभावित

अमेरिका में सरकारी कामकाज ठप्प होने की स्थिति लगातार बनी हुई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चौथे दिन भी फंडिंग बिल को से पास कराने में असफल रहे । डेमोक्रेट सांसदों ने एक बार फिर बिल का समर्थन करने से इंकार कर दिया, जिससे देश में फेडरल गवर्नमेंट शटडाउन जारी है।

क्या है मामला

अमेरिका में हर साल सरकार के खर्चों को चलाने के लिए एक फंडिंग बिल संसद में पेश किया जाता है। जब तक यह बिल पारित नहीं होता, तब तक सरकारी विभागों को आवश्यक बजट नहीं मिल पाता और सरकारी कामकाज ठप्प पड़ जाता है जिसे “शटडाउन” कहा जाता है।इस बार ट्रंप प्रशासन ने बॉर्डर सिक्योरिटी और आव्रजन नीति से जुड़े प्रावधानों के साथ बिल पेश किया था। डेमोक्रेट पार्टी ने इन शर्तों को “अत्यधिक कठोर” बताते हुए समर्थन देने से इनकार कर दिया।

डेमोक्रेट्स का आरोप

डेमोक्रेट्स का कहना है कि ट्रंप प्रशासन बार-बार सीमा दीवार और अन्य राजनीतिक मुद्दों को फंडिंग बिल में जोड़कर संसदीय प्रक्रिया को “बंधक” बना रहा है।उनका कहना है कि जब तक बिल “साफ और बिना राजनीतिक एजेंडे” के नहीं होगा, वे इसका समर्थन नहीं करेंगे।

ट्रंप की प्रतिक्रिया

राष्ट्रपति ट्रंप ने डेमोक्रेट्स पर “देश की सुरक्षा से खिलवाड़” करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि “डेमोक्रेट्स सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए अमेरिका की जनता को नुकसान पहुंचा रहे हैं।”उन्होंने साथ ही चेतावनी दी कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो “प्रशासन अपने स्तर पर जरूरी कदम” उठाएगा।

आम जनता पर इसका असर

लगातार शटडाउन से कई सरकारी एजेंसियों में कामकाज ठप्प हो चुका है।लाखों सरकारी कर्मचारी बिना वेतन के घर बैठे हैं।कई राष्ट्रीय पार्क और म्यूजियम बंद हैं।वीजा, पासपोर्ट और टैक्स प्रोसेसिंग जैसी सेवाओं में देरी हो रही है।शेयर बाजार और आर्थिक गतिविधियों पर भी असर देखने को मिल रहा है।यदि आने वाले कुछ दिनों में दोनों दलों के बीच समझौता नहीं होता, तो यह शटडाउन अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक असर डाल सकता है।ट्रंप प्रशासन के लिए यह चौथी असफलता गंभीर झटका है। जहां एक ओर राष्ट्रपति अपने एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहते हैं, वहीं डेमोक्रेट्स अपनी सख्त स्थिति पर अड़े हुए हैं। इसका नतीजा यह है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की सरकार फिलहाल “बंद” पड़ी है।

 

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