तालिबान और पाकिस्तानी बलों में भीषण झड़प, अफगान सीमा पर गूंजे गोले”

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा पर भीषण गोलीबारी हुई है। खबरों के मुताबिक, यह झड़प कंधार और बलूचिस्तान की सीमा पर तब शुरू हुई, जब पाकिस्तानी सेना ने अफगान क्षेत्र से की जा रही गोलीबारी का जवाब दिया। इस दौरान दोनों तरफ से भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया, जिससे सीमा क्षेत्र में दहशत फैल गई।स्थानीय सूत्रों के अनुसार, गोलीबारी में मोर्टार, मशीन गन और तोपों का इस्तेमाल हुआ। कई राउंड गोलाबारी के कारण सीमा के पास बसे गांवों में लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, कई नागरिक घायल हुए हैं, हालांकि अभी तक किसी भी देश ने आधिकारिक हताहत आंकड़ा जारी नहीं किया है।अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर सीमा पार हमले का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पाकिस्तानी सेना ने “अफगान क्षेत्र में बिना चेतावनी के गोलीबारी” की, जिससे अफगान सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों को नुकसान पहुंचा।

तालिबान प्रशासन के प्रवक्ता ने कहा कि “पाकिस्तान को अपनी सीमा उल्लंघन की कार्रवाई रोकनी चाहिए, अन्यथा इसके परिणाम भुगतने होंगे।”वहीं पाकिस्तान ने तालिबान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने केवल रक्षा में जवाबी कार्रवाई की है। इस्लामाबाद का कहना है कि अफगान क्षेत्र से TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) जैसे आतंकी समूह उनके सैनिकों पर हमले कर रहे हैं, और तालिबान प्रशासन उन्हें रोकने में विफल रहा है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा —

“हम केवल अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा कर रहे हैं। अफगानिस्तान को आतंकी संगठनों को अपने इलाके से संचालित नहीं करने देना चाहिए।”दोनों देशों के बीच यह तनाव दुरंड रेखा (Durand Line) को लेकर दशकों से चला आ रहा है। अफगानिस्तान इस सीमा को आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं करता, जबकि पाकिस्तान इसे अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता है। इस सीमा पर पिछले कुछ वर्षों में बार-बार झड़पें और हवाई हमले हो चुके हैं।इस गोलीबारी के चलते सीमा के आसपास बसे लोगों में भय का माहौल है। कई गांवों में स्कूल और बाजार बंद कर दिए गए हैं। वहीं, अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच चलने वाला व्यापार और पारगमन मार्ग भी प्रभावित हुआ है।
कंधार-चमन बॉर्डर क्रॉसिंग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया हैसुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह झड़पें केवल सैन्य स्तर पर नहीं, बल्कि राजनीतिक अविश्वास और सीमाई नियंत्रण की लड़ाई का हिस्सा हैं।
यदि तनाव बढ़ा तो यह पूरे क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर सकता है।

अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ती झड़पें दक्षिण एशिया की शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर संकेत हैं। तालिबान सरकार और पाकिस्तान, दोनों के लिए जरूरी है कि वे कूटनीतिक संवाद के ज़रिए विवाद का समाधान निकालें, ताकि सीमा पार हिंसा किसी बड़े संघर्ष में न बदल जाए।

 

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