गाज़ा युद्ध के बीच फिलिस्तीन को वैश्विक समर्थन, 145 देशों ने दी फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता, इजरायल का बढ़ा विरोध

गाजा संघर्ष के बीच ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया कनाडा और पुर्तगाल ने फिलिस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है जिसका इजरायल ने विरोध किया है। संयुक्त राष्ट्र के लगभग तीन चौथाई सदस्य देशों ने फिलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा दिया है। 45 देश अभी भी फिलिस्तीन को राष्ट्र नहीं मानते हैं। फिलिस्तीन को राष्ट्र की मान्यता प्रतीकात्मक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।

फ्रांस ने औपचारिक रूप से फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की घोषणा की है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि शांति का समय आ गया है। उन्होंने युद्ध के बाद गाजा में संयुक्त राष्ट्र से अधिकृत एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल की योजना पेश की है। इसे कई देशों से समर्थन मिलने की उम्मीद है, लेकिन इजरायल या अमेरिका की तरफ से ऐसा होने की संभावना नहीं है। सोमवार शाम को संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में एक विशेष शिखर सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में मैक्रों ने कहा, गाजा में युद्ध, नरसंहार और मौतों को समाप्त करने का समय आ गया है।

इमैनुएल मैक्रों ने कहा, फिलिस्तीनी लोगों के लिए न्याय करने और इस प्रकार गाजा, पश्चिमी तट और यरुशलम में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का समय आ गया है। फ्रांस ने सऊदी अरब के साथ इस विशेष शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था। इस सम्मेलन में अमेरिका शामिल नहीं हुआ ।

इन देशों ने भी दी फिलिस्तीन को मान्यता

फ्रांस के साथ ही एंडोरा, माल्टा, लक्जमबर्ग और मोनाको भी फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा की। बेल्जियन ने भी फिलिस्तीन राज्य की मान्यता को अपना समर्थन दिया, लेकिन कहा कि यह कानूनी रूप से तभी प्रभावी होगा, जब हमास को हटा दिया जाएगा और बंधकों को वापस कर दिया जाएगा।

स्पेन ने भी मान्यता

स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने फिलिस्तीन राज्य को संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि ‘यह सम्मेलन मील का पत्थर है, लेकिन यह इस यात्रा का अंत नहीं है। यह तो बस शुरुआत है।’

फिलिस्तीन का बढ़ता समर्थन

फ्रांस की घोषणा ऐसे समय में आई है, जब ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगान ने पिछले सप्ताह के आखिर में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता का ऐलान किया है। वे 145 से अधिक देशों में शामिल हो गए हैं, जो पहले से फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे चुके हैं।
इस बीच 8 अरब और मुस्लिम देशों के नेता डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वाले हैं। मंगलवार को होने वाली इस बैठक में सऊदी अरब, तुर्की, पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, इंडोनेशिया, कतर और जॉर्डन शामिल होंगे। एक्सियोस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस बैठक में डोनाल्ड ट्रंप गाजा में युद्ध को खत्म करने और उसके बाद की योजना पेश कर सकते हैं।

राष्ट्र का दर्जा एक अधिकार हैइनाम नहीं- UN

संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि “फिलिस्तीनी राष्ट्र का दर्जा एक अधिकार है, इनाम नहीं।” एंटोनियो गुटेरेस ने एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को वैश्विक नेताओं की उस बैठक में ये बात कही, जिसका उद्देश्य इजरायल के साथ-साथ एक फिलिस्तीनी राष्ट्र बनाने के प्रयासों को पुनर्जीवित करना था। हालांकि, इजरायल की सरकार ने फिलिस्तीनी राष्ट्र के दर्जे को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि इससे हमास को लाभ होगा।

कुल मिलाकर, फिलिस्तीन को मान्यता देने की वैश्विक लहर तेज़ हो रही है। यह कदम प्रतीकात्मक रूप से तो महत्वपूर्ण है ही, साथ ही अंतरराष्ट्रीय राजनीति में इज़रायल और उसके समर्थकों के साथ नए तनाव भी पैदा कर रहा है।

 

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