भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को इतिहास रच दिया। DY पाटिल स्टेडियम मुंबई में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार विमेंस वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीत लिया है। यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि 47 साल के लंबे संघर्ष, उम्मीद और मेहनत की कहानी है।1978 में पहली बार वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने के बाद भारत ने कई बार करीब पहुंचकर भी खिताब से दूरी बनाए रखी।2005 में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।2017 में इंग्लैंड के खिलाफ मैच में भी भारतीय टीम को हार गई थी आखिर 2025 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने यह सपना पूरा कर लिया। यह भारत विमेंस सीनियर टीम की किसी भी फॉर्मेट में पहली ICC ट्रॉफी है।

शेफाली और दीप्ति का जलवा
टॉस हारने के बाद भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 298 रन बनाए ।जो वर्ल्ड कप फाइनल में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है।
भारतीय पारी की झलक:
इस मैच में शेफाली वर्मा 87 रन बनाकर सबसे युवा अर्धशतक बनाने वाली खिलाड़ी बनी है।उन्हे प्लेयर ऑफ द फाइनल का खिताब भी मिला है। दीप्ति शर्मा 58 रन और 5 विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बनी हैं। स्मृति मंधाना ने 45 रन और ऋचा घोष ने 34 रन व साउथ अफ्रीका के लिए आयाबोंगा खाका ने 3 विकेट झटके।
साउथ अफ्रीका की जुझारू पारी
लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका की शुरुआत अच्छी रही। कप्तान लौरा वोल्वार्ट ने लगातार दूसरा शतक (101 रन) जड़ा, लेकिन टीम 246 रन पर ऑलआउट हो गई।शेफाली वर्मा ने 2 विकेट लेकर पूरे मैच पलट दिया।दीप्ति शर्मा ने 5 विकेट लेकर देश के लिए जीत पक्की की। 21 साल की शेफाली को इंजरी रिप्लेसमेंट के कारण पहले स्क्वॉड में जगह नहीं मिली थी।लेकिन26 अक्टूबर को ओपनर प्रतिका रावल के चोटिल होने के बाद शेफाली को रिप्लेसमेंट के रूप में बुलाया गया।फाइनल में उन्होंने 87 रन की पारी खेली और 2 अहम विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई।शेफाली विमेंस वर्ल्ड कप फाइनल में फिफ्टी लगाने वाली सबसे कम उम्र की प्लेयर बनीं (21 साल 278 दिन)।उन्होंने 2017 में पूनम राउत का 86 रन का रिकॉर्ड भी तोड़ा।

दीप्ति शर्मा को वर्ल्ड कप की ‘क्वीन ऑफ ऑल राउंड’ बनी ।टूर्नामेंट में 22 विकेट, जो किसी भारतीय द्वारा एक सीजन में सबसे ज्यादा हैं।फाइनल में 5 विकेट झटके और 58 रन बनाए।वर्ल्ड कप में 200+ रन और 20+ विकेट लेने वाली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर है।दीप्ति ने अपने प्रदर्शन से भारतीय महिला क्रिकेट की नई परिभाषा लिख दी और इसी के साथ वो प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बनी।
मंधाना, ऋचा और हरमन का योगदान
स्मृति मंधाना 9 मैचों में 434 रन, टूर्नामेंट की सेकेंड टॉप स्कोरर बनी।लौरा वोल्वार्ट 571 रन बनाकर पहले स्थान पर है।ऋचा घोष वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा सिक्स (12) लगाने वाली भारतीय हैं।हरमनप्रीत कौर नॉकआउट मैचों में अब तक सबसे ज्यादा रन (331) बनाने वाली बल्लेबाज बनी है। भारत ने तीन हार के बाद शानदार वापसी की और ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम को हराकर फाइनल तक का सफर तय किया।
भारत का 15वां ICC टाइटल
इस जीत के साथ भारत ने कुल 15 ICC ट्रॉफियां जीत लीं हैं। जिसमें मेंस टीम ने 2 वनडे वर्ल्ड कप, 2 टी20 वर्ल्ड कप, 3 चैंपियंस ट्रॉफी शामिल है। अंडर-19 मेंस टीम 5 बार और अंडर-19 विमेंस 2 बार टाइटल अपने नाम कर चुकी हैं।और अब इस बार सीनियर विमेंस टीम ने अब वनडे वर्ल्ड कप 2025 का खिताब भी अपने नाम कर लिया है।भारतीय क्रिकेट टीम अब ICC खिताबों में केवल ऑस्ट्रेलिया (27) से पीछे है।

इतिहास की झलक
विमेंस वनडे वर्ल्ड कप की शुरुआत 1973 में हुई थी।भारत ने पहली बार 1978 में भाग लिया था।47 साल बाद, 2025 में भारत ने अपनी पहली वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीती।2000 के बाद पहली बार किसी नई टीम ने यह खिताब जीता।उस समय न्यूजीलैंड चैंपियन बना था।मैच जीतने के बाद हरमनप्रीत कौर ने कहा-“यह सिर्फ जीत नहीं, एक युग की शुरुआत है”
नया इतिहास, नई प्रेरणा
भारत की महिला क्रिकेट टीम की यह जीत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन गई है।शेफाली की जुझारू बल्लेबाजी, दीप्ति की ऑलराउंड परफॉर्मेंस, मंधाना की क्लासिक बल्लेबाजी और हरमन की कप्तानी सबने मिलकर 47 साल का इंतजार खत्म किया।भारत अब सिर्फ क्रिकेट नहीं खेलता, भारत इतिहास लिखता है।










