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तरनतारन विधानसभा उपचुनाव: कांग्रेस, AAP, BJP और अकाली दल ने घोषित किए उम्मीदवार तरनतारन सीट पर सियासी सरगर्मियां तेज चारों प्रमुख दलों की तैयारियां जोरों पर

पंजाब की तरनतारन विधानसभा सीट पर होने वाले आगामी उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस उपचुनाव के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों — कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिरोमणि अकाली दल (SAD)  ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने करणबीर सिंह बुर्ज को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उनकी उम्मीदवारी को औपचारिक मंजूरी दे दी है। करणबीर सिंह कांग्रेस के किसान सेल के उपाध्यक्ष रह चुके हैं और प्रताप सिंह बाजवा के करीबी माने जाते हैं। इससे पहले चर्चा थी कि अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री अनिल जोशी को टिकट मिल सकता है, लेकिन पार्टी में अंदरूनी विरोध के चलते अंततः करणबीर सिंह बुर्ज को मैदान में उतारा गया।

वहीं आम आदमी पार्टी ने इस सीट से हरमीत सिंह संधू को टिकट दिया है। संधू पहले अकाली दल के वरिष्ठ नेता और विधायक रह चुके हैं। हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तरनतारन में एक जनसभा के दौरान उन्हें AAP का उम्मीदवार घोषित किया। संधू का क्षेत्र में अच्छा राजनीतिक आधार है और अब तक किसी भी विधानसभा चुनाव में उन्हें 39 हजार से कम वोट नहीं मिले हैं, जिससे उन्हें एक मजबूत दावेदार माना जा रहा है।

शिरोमणि अकाली दल ने इस बार बीबी सुखविंदर कौर रंधावा को उम्मीदवार बनाया है। वह पहले आज़ाद गुट की नेता रह चुकी हैं और पिछले चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कश्मीर सिंह सोहल का समर्थन किया था। उनका स्थानीय स्तर पर अच्छा प्रभाव है, जो अकाली दल को मजबूत स्थिति में ला सकता है।

भाजपा ने तरनतारन सीट से अपने जिला अध्यक्ष हरजीत सिंह संधू को टिकट दिया है। किसान आंदोलन के बाद पंजाब में BJP के लिए राजनीतिक ज़मीन तैयार करना एक बड़ी चुनौती रही है, खासकर सिख बहुल इलाकों में । ऐसे में पार्टी स्थानीय चेहरों के जरिए अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है। हरजीत सिंह संधू केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा के करीबी माने जाते हैं।

यह उपचुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि जून में आम आदमी पार्टी के विधायक कश्मीर सिंह सोहल के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। निर्वाचन आयोग ने अभी तक चुनाव की तारीख घोषित नहीं की है, लेकिन सभी दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। ऐसे में यह उपचुनाव न सिर्फ तरनतारन के लिए बल्कि पंजाब की आगामी सियासी दिशा के लिए भी बेहद अहम माना जा रहा है।

 

 

 

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