भारतीय वायुसेना के इतिहास में आज का दिन बेहद खास, भावुक और गौरव से भरा है। 26 सितंबर 2025 – वो दिन जब भारतीय आसमान का सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान, मिग-21, आखिरी बार गर्जना करते हुए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।”
कई दशकों तक भारतीय वायुसेना की रीढ़ रहे मिग-21 लड़ाकू विमान को आज, 26 सितंबर को औपचारिक रूप से सेवामुक्त किया जा रहा है। यह वही मिग-21 है जो भारत का पहला सुपरसोनिक फाइटर जेट था और जिसने 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में पाकिस्तान पर कहर बरपाया। अपने आखिरी चरण में भी इस ‘फ्लाइंग बुलेट’ ने पाकिस्तान के एफ-16 जैसे आधुनिक विमान को पीछे छोड़ते हुए अपनी ताकत साबित की। चंडीगढ़ में आयोजित विशेष समारोह में मिग-21 को अंतिम विदाई दी जा रही है, जिसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में आयोजित किया गया है। इस मौके पर पूर्व विंग कमांडर राजीव बत्तीश (सेवानिवृत्त) ने कहा कि मिग-21 की कहानी बेहद लंबी और गौरवशाली रही है। उन्होंने कहा कि देश में सर्वाधिक बार उड़ाया गया फाइटर विमान मिग-21 ही रहा है और यह इस बात का प्रमाण है कि यह सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि भावनाओं से जुड़ा हुआ प्रतीक है। बत्तीश ने यह भी बताया कि पूर्वी ब्लॉक के कई देशों ने इस शक्तिशाली विमान को अपनाया और पश्चिमी देशों के लिए यह एक रहस्य बना रहा। मिग-29 को भी उन्होंने ‘खूबसूरत मशीन’ बताया, लेकिन मिग-21 को मिले प्यार और सम्मान का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश-विदेश से लोग इसे अंतिम बार देखने और विदाई देने के लिए पहुंचे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में मिग-21 लड़ाकू विमान बेड़े को सेवामुक्त करने से पहले, विंग कमांडर राजीव बत्तीश (सेवानिवृत्त) ने कहा कि मिग-21 की एक बहुत लंबी कहानी है और यहां इतने सारे लोगों का इकट्ठा होना इस बात का प्रमाण है कि हम सभी इस विमान से जुड़े हुए हैं।
इसी पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, ने कहा कि इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहा हूँ। मिग-21 सिर्फ एक फाइटर जेट नहीं, बल्कि मेरे जीवन का अहम हिस्सा रहा है। इसी ने मुझे उड़ना सिखाया, जज़्बा दिया, और एक सच्चा वॉरियर बनाया।आज जब मिग-21 को लेकर उन्होने कहा एक युग का अंत हो रहा है — लेकिन इसकी गूंज हमारे दिलों और आसमान में हमेशा गूंजती रहेगी।
400 से ज्यादा मिग-21 क्रैश हुए
रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 400 से ज्यादा मिग-21 विमान क्रैश हुए हैं। इसमें 200 से ज्यादा पायलट मारे गए गए हैं। इसी वजह से फाइटर प्लेन को ‘उड़ता ताबूत’ और ‘विडो मेकर’ कहा जाता है।
तेज रफ्तार और दमदार डिजाइन
सोवियत संघ में बना मिग-21 एक हल्का, सुपरसोनिक इंटरसेप्टर फाइटर जेट है। इसका कॉम्पैक्ट डिजाइन, तेज क्लाइम्ब-रेट और दुश्मन पर बिजली-सी गिरने वाली गति इसे खास बनाती थी। भारतीय वायुसेना ने 1960 के दशक में इसे अपनाया और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)में इसका लाइसेंस बनाना शुरू किया था। मिग-21 ने कई खतरनाक ऑपरेशंस में अपनी बहादुरी साबित की थी।