AAP विधायक पठानमाजरा पर कोर्ट की बड़ी कार्रवाई, 12 नवंबर तक पेशी का आदेश, वरना भगौड़ा करार किया जाएगा घोषित,कोर्ट ने घर के बाहर चिपकाया नोटिस

पंजाब की राजनीति इस समय एक बड़े विवाद में घिरी हुई है। आम आदमी पार्टी के विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा, जो एक रेप केस में आरोपी हैं, उन्हें माननीय पटियाला कोर्ट ने पेश होने के आदेश दिए गए हैं। उन्हें 12 नवंबर तक कोर्ट में हाज़िर होना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो अदालत उन्हें भगौड़ा घोषित करार देगी। इसके तहत उनकी प्रॉपर्टी तक अटैच की जा सकती है। इसी सिलसिले में पटियाला स्थित उनके घर के बाहर अदालत का नोटिस चिपका दिया गया है। यह मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है, क्योंकि पिछले दो महीनों से पठानमाजरा पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

ये पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब पटियाला के सिविल लाइन थाना में उनके खिलाफ एक महिला ने रेप, धोखाधड़ी और धमकी देने का आरोप लगाया। महिला ने दावा किया कि वर्ष 2013 में उसकी मुलाकात फेसबुक पर पठानमाजरा से हुई थी। विधायक ने खुद को तलाकशुदा बताया और विवाह का प्रस्ताव रखा। दोनों के बीच यह रिश्ता करीब आठ साल तक चलता रहा और 14 अगस्त 2021 को जगराओं के एक गुरुद्वारे में उनका “आनंद कारज” भी हुआ। महिला के अनुसार, इस विवाह के दौरान भी पठानमाजरा ने खुद को तलाकशुदा बताया और उसे लुधियाना के एक घर में पत्नी बनाकर रखा। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान जब विधायक ने नामांकन दाखिल किया, तो महिला को यह जानकर झटका लगा कि वे तो अभी भी अपनी पहली पत्नी के साथ विवाहित हैं और तलाक हुआ ही नहीं था। महिला ने आरोप लगाया कि विधायक ने उसके साथ लगातार शारीरिक शोषण, धोखाधड़ी, और धमकियों के सहारे इस रिश्ते को बनाए रखा।FIR में यह भी दर्ज हुआ कि विधायक ने महिला के साथ अंतरंग पलों के वीडियो बनाए और बाद में इन्हीं वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पैसे वसूलने और दबाव डालने की कोशिश की। शिकायतकर्ता का दावा है कि उसने 2013 से 2021 तक इस रिश्ते को पूरी निष्ठा के साथ निभाया, लेकिन विधायक ने उसे केवल बहलाया और झूठ बोलकर उसका शोषण किया। महिला ने साल 2022 में शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने तब एफआईआर दर्ज नहीं की। अब लगभग 3 साल बाद पुलिस ने पहल की और धारा 420, 506 और 376 के तहत मामला दर्ज किया। इसी दौरान विधायक हरियाणा के करनाल इलाके से फरार हो गए, जिसके बाद करनाल में भी एक अलग FIR दर्ज हुई।

विधायक पठानमाजरा तब से सोशल मीडिया का सहारा लेकर खुद को निर्दोष बताते रहे हैं। फरार होने के बाद किए गए फेसबुक लाइव में उन्होंने सरकार और आम आदमी पार्टी की दिल्ली टीम पर गंभीर आरोप लगाए। पठानमाजरा ने कहा कि वे पंजाब के मुद्दों पर खुलकर बोलते थे।पंजाब के पानी, बाढ़, और स्थानीय प्रशासन की गलतियों पर आवाज़ उठाते थे। और इसी वजह से उनके खिलाफ पुराने मामलों को निकालकर साज़िशन कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने अपने लाइव वीडियो में कहा कि “मैंने पंजाब की बात की, दिल्ली वालों के खिलाफ बोला, इसलिए मुझे बोलने की सजा दी जा रही है।” उनका दावा है कि उनकी पत्नी को पिछले एक महीने से घर में नजरबंद किया गया है और उनके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है।पठानमाजरा ने यह सवाल भी उठाया कि पंजाब में दर्ज हजारों IPC 376 के केसों में क्या हर आरोपी के पीछे इस तरह 100–200 गाड़ियाँ लगाई जाती हैं? उन्होंने खुद पर लगाए गए अन्य केसों जैसे माइनिंग केस और गोली चलाने के केस को भी राजनीतिक षड्यंत्र बताया। उनका कहना है कि वे इस सबके खिलाफ हाईकोर्ट में गए हैं और हर सबूत को कोर्ट में पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि “मैं खुद पर झेल सकता हूं, लेकिन परिवार पर अत्याचार नहीं देख सकता।” उन्होंने पंजाब की जनता, किसान यूनियनों और अन्य पार्टियों से भी समर्थन मांगते हुए कहा कि “मेरे मुद्दे को विधानसभा में उठाया जाए, क्योंकि मुझे जनता ने जिताया था।”

पूरे मामले के राजनीतिक रंग पकड़ने के बीच ट्रायल कोर्ट ने अब साफ कर दिया है कि पठानमाजरा को कानून की प्रक्रिया का पालन करते हुए कोर्ट में उपस्थित होना ही होगा। अगर वे 12 नवंबर तक सामने नहीं आते, तो उनकी गिरफ्तारी, प्रॉपर्टी जब्ती और भगौड़ा घोषित करने जैसे कदम उठाए जाएंगे। यह मामला अब सिर्फ एक आपराधिक केस नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन चुका है, जिसमें एक तरफ महिला की दर्दनाक शिकायतें हैं और दूसरी ओर विधायक के आरोप कि उन्हें राजनीतिक बदले की भावना से टारगेट किया जा रहा है।आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि पठानमाजरा कोर्ट में पेश होते हैं या नहीं। यदि वे सामने आते हैं तो मामला कानूनी रूप से आगे बढ़ेगा, और अगर नहीं आए तो पंजाब की राजनीति में एक और बड़ा भूचाल आने की आशंका है।

 

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