BREAKING

Punjab

पंजाब के पूर्व DIG भुल्लर का भ्रष्टाचार केस: UPSC परीक्षा के बिना IPS बनने की कहानी, रंगे हाथों पकड़े गए थे DIG भुल्लर, 7 करोड़ कैश और 1.5 किलो सोना हुआ बरामद

पंजाब के रोपड़ रेंज के DIG हरचरण सिंह भुल्लर जोकि अपने कारनामों की वजह से सलाखों के पीछे हैं और जनता की नजर में वे विलेन बन चुके हैं। आज हम यह जानेंगे कि आखिर कैस UPSC की परीक्षा दिए बिना वे DIG जैसे बड़े ओहदे तक पहुंचे।

पंजाब के DIG हरचरण सिंह भुल्लर के पिता किसी जमाने में पंजाब के DGP रहे हें मतलब वह खुद IPS अधिकारी थे, लेकिन हरचरण सिंह भुल्लर ने SPS यानी PCS की परीक्षा के माध्यम से पंजाब पुलिस में बतौर DSP एंट्री ली.बाद में SPS से प्रमोशन पाकर वह बिना UPSC परीक्षा पास किए IPS बन गए। भुल्लर ने कईं अहम पदों पर काम किया,इन समय वह रोपड रेंज के DIG के पद पर तैनात थे, लेकिन भ्रष्टाचार के चंगुल में फंसकर भुल्लर ने सब कुछ गंवा दिया। CBI ने उन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।घर से 7 करोड़ कैश और 1.5 किलो सोना बरामद हुआ।DIG हरचरण सिंह भुल्लर के इस केस ने न सिर्फ पंजाब पुलिस महकमे को हिला दिया है, बल्कि सिविल सर्विसेज एस्पिरेंट्स को भी ये सिखा रहा है कि पावर की सीढ़ियां चढ़ना आसान है, लेकिन नीचे गिरना महंगा पड़ता है।

पंजाब पुलिस में DIG रैंक तक पहुंचने वाले हरचरण सिंह भुल्लर का करियर सिविल सेवा के अन्य अधिकारियों से काफी अलग रहा। जहां अधिकांश अधिकारी UPSC की प्रतिष्ठित परीक्षा उत्तीर्ण कर IPS  में शामिल होते हैं, वहीं हरचरण सिंह ने राज्य पुलिस सेवा (SPS) परीक्षा उत्तीर्ण कर DSP के रूप में पंजाब पुलिस में अपनी पारी शुरू की। बाद में, नियमानुसार पदोन्नति पाकर वह बिना UPSC क्लियर किए IPS अधिकारी बने।2016 में UPSC की सिफारिश पर SPS कोटे से उनका प्रमोशन IPS में किया गया। 2023 में उन्हें पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) का पद मिला, और 27 नवंबर 2024 को उन्होंने रोपड़ रेंज, रूपनगर का प्रभार संभाला।

अपनी इस नई भूमिका में, उन्होंने नशीले पदार्थों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया और अवैध व्यापार पर रोकथाम लगाई थी। वह अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से जुड़े ड्रग्स केस की विशेष जांच दल (SIT) के प्रमुख भी रहे थे। SPS अधिकारी के रूप में, भुल्लर ने संगरूर, बरनाला, फतेहगढ़ साहिब, होशियारपुर, खन्ना, जगरों, गुरदासपुर और मोहाली सहित कई जिलों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं। मोहाली के (SSP) रहते हुए उन्होंने अपराध नियंत्रण में कार्य किया।

हरचरण सिंह के जीवन में प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत उनके पिता, मेजर मेहल सिंह भुल्लर थे, जो स्वयं पंजाब जैसे राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) रह चुके थे।

मेहल सिंह ने 1960 के दशक में भारतीय सेना को जॉइन किया और 13वीं पंजाब रेजिमेंट में मेजर का पद हासिल किया। उन्होंने 1962 के चीन युद्ध, 1965 के भारत-पाक युद्ध और मिजोरम में उग्रवाद विरोधी अभियानों में अपनी वीरता और शौर्य का परिचय दिया था। सैन्य सेवा छोड़ने के बाद, मेहल सिंह ने भारतीय पुलिस सेवा में सेवाएं दीं और 1980 तथा 90 के दशक के दौरान पंजाब में आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 2002-2003 में, वह पंजाब के DGP बने। उन्होंने उग्रवादियों के आत्मसमर्पण की नीति को प्रोत्साहित किया और पंजाब आर्म्ड पुलिस (PAP) को मजबूत करने के लिए जालंधर में PAP कॉम्प्लेक्स और पुलिस DAV स्कूल जैसे संस्थानों की स्थापना की। खेल जगत को बढ़ावा देने के लिए भी उन्हें याद किया जाता है, उन्होंने ही मशहूर WWE रेसलर ‘द ग्रेट खली’ को प्रशिक्षित किया था।

भुल्लर की कहानी कई युवा अफसरों के लिए मोटिवेशन थी।SPS से IPS तक पहुंचना आसान नहीं होता लेकिन एक घटना ने उनके पूरे करियर को तबाह कर दिया।चंडीगढ़ से शुरू हुई इस कार्रवाई ने पंजाब पुलिस के कई सीनियर अफसरों को हिलाकर रख दिया।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

Subscribe to Our Newsletter!

This will close in 0 seconds