नेपाल की राजनीति में उस समय ऐतिहासिक मोड़ आया जब देश के नौ प्रमुख वामपंथी दलों ने एक साथ विलय कर नई राजनीतिक पार्टी बनाई।पार्टी का नाम ‘नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (NCP)’ का रखा गया है। राजधानी काठमांडू के भृकुटीमंडप मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में इस विलय की घोषणा की गई। इस मौके पर हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे। इस एकीकरण को आगामी 5 मार्च, 2026 को होने वाले आम चुनावों से पहले देश की राजनीति में एक बड़ा समीकरण बदलने वाला कदम माना जा रहा है।नए दल का नाम ‘नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी’ रखा गया है और इसका चुनाव चिह्न ‘पांच-सितारा’ होगा। यह प्रतीक एकता, प्रगतिशील सोच और वामपंथी विचारधारा का प्रतिनिधित्व करेगा।इस विलय के साथ ही नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) ने अपने आधिकारिक नाम से “माओवादी” शब्द को हटा दिया है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि नया संगठन व्यापक वामपंथी एकता के सिद्धांत पर आधारित होगा, न कि किसी एक गुट की पहचान पर होगा।

विलय में शामिल नौ दल
इस विलय में शामिल हुए दलों में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र),नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत समाजवादी) ,नेपाल समाजवादी पार्टी,नेकपा (समाजवादी),जनसमाजवादी पार्टी नेपाल,नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी,नेकपा (माओवादी समाजवादी),नेकपा साम्यवादी,देशभक्त समाजवादी मोर्चा (गोपाल किराती के नेतृत्व में) शामिल हैं।यह एकीकरण नेपाल की राजनीति में अब तक का सबसे बड़ा वामपंथी गठबंधन माना जा रहा है।
नेतृत्व और विचारधारा
नई पार्टी के समन्वयक पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ होंगे, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल को सह-समन्वयक की जिम्मेदारी सौंपी गई है।पार्टी की विचारधारा मार्क्सवाद-लेनिनवाद पर आधारित होगी, जिसे इसके “मार्गदर्शक सिद्धांत” के रूप में अपनाया गया है।नई पार्टी ने घोषणा की है कि वह छह महीने के भीतर राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करेगी, जिसमें संगठनात्मक संरचना, नीति और भविष्य की रणनीति पर निर्णय लिया जाएगा।विलय समारोह से पहले राजधानी में एक विशाल जुलूस निकाला गया, जिसमें सैकड़ों बैनर, लाल झंडे और पार्टी कार्यकर्ताओं की नारों से काठमांडू की सड़कों में ऊर्जा का संचार हो गया।‘भृकुटीमंडप’ में आयोजित कार्यक्रम में प्रचंड ने कहा कि “यह सिर्फ राजनीतिक दलों का विलय नहीं, बल्कि जनता की उम्मीदों का संगम है। हमें युवाओं की आवाज़ और उनके सपनों को साकार करने की जिम्मेदारी लेनी होगी।”

भ्रष्टाचार और Gen-Z आंदोलन का असर
यह नया गठबंधन ऐसे समय में बना है जब नेपाल में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ हाल ही में युवाओं के नेतृत्व वाला ‘Gen-Z आंदोलन’ तेज़ हुआ है।प्रचंड ने अपने भाषण में इन युवाओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि “आपने राजनीतिक दलों की आंखें खोली हैं। आपने सुशासन और पारदर्शिता के पक्ष में अपनी आवाज़ उठाकर हमारे भीतर आत्ममंथन की भावना जगाई है।”
अगले साल आम चुनाव
नई नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी ने ऐलान किया है कि वह 5 मार्च, 2026 को होने वाले आम चुनावों में भाग लेगी।राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह एकीकरण नेपाल के चुनावी परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकता है।यह गठबंधन ग्रामीण इलाकों, श्रमिक वर्ग और युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो सकता है, खासकर ऐसे समय में जब पारंपरिक पार्टियों के प्रति जनता में नाराजगी बढ़ रही है।







