दिवाली के त्योहार के दौरान मध्य प्रदेश में कार्बाइड गन के इस्तेमाल ने खौफनाक रूप ले लिया है।घरों में बनाई गई इस खतरनाक बंदूक से लगभग 300 लोग घायल हुए हैं। इस गन के कारण छोटे बच्चों की आखों की रोशनी प्रभावित हुई है। इनमें से 30 लोग इतनी गंभीर स्थिति में हैं कि उनकी आंखों की रोशनी स्थायी रूप से प्रभावित हो सकती है। यह बंदूक बाजार में सिर्फ 150रूपये की मिलती है लेकिन इस गन के चलते बच्चों की आंखोंव की रोशनी भी प्रभावित हुई है ।भोपाल, ग्वालियर, विदिशा और अन्य जिलों में इस हादसे की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्थानीय अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे पीड़ितों की संख्या में इजाफा देखा गया है। विशेषज्ञों ने इस खतरनाक उपकरण को ‘रासायनिक बम’ से तुलना की है।

क्या हैं कार्बाइड गन ?
कार्बाइड गन आमतौर पर प्लास्टिक या टिन के पाइप से बनाई जाती हैं। इसमें कैल्शियम कार्बाइड और पानी मिलाने से उत्पन्न एसिटिलीन गैस का विस्फोट होता है। इस विस्फोट से तेज गर्मी और हानिकारक गैसें निकलती हैं।भोपाल के हमीदिया अस्पताल की 17 वर्षीय नेहा ने बताया, “हमने घर में बनी कार्बाइड गन खरीदी थी, लेकिन फटने पर मेरी एक आंख पूरी तरह जल गई। अब मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।”
विशेषज्ञ बताते हैं कि रेटिना फटने की स्थिति में तत्काल अंधापन भी हो सकता है। BMHRC की नेत्र रोग विभागाध्यक्ष ने कहा कि इसके कारण कॉर्निया, आइरिस और रेटिना को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे स्थायी दृष्टि हानि हो सकती है।
सोशल मीडिया और DIY वीडियो का योगदान
विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स पर वायरल DIY वीडियो के कारण इस साल हादसों की संख्या बढ़ी है। कई बच्चे और किशोर वीडियो देखकर घर पर कार्बाइड गन बनाने की कोशिश कर रहे थे, जिससे दुर्घटनाएं हुईं।एक पीड़ित ने बताया, “मैंने सोशल मीडिया पर देखा और घर पर बनाने की कोशिश की। गन फट गई और मेरी आंख की रोशनी चली गई।”

प्रतिबंध और कानूनी कार्रवाई
हालांकि सरकार ने दिवाली से पहले ही कार्बाइड गन की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन यह उपकरण खुले बाजार और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध थे। इनकी कीमत 150 रुपये से लेकर 2,000 रुपये तक थी।भोपाल पुलिस ने दिवाली के बाद तेजी से कार्रवाई करते हुए कई इलाकों से 80 से अधिक कार्बाइड गन जब्त की हैं। बागसेवनिया थाना पुलिस ने 25 वर्षीय भय्यू चौहान को 42 कार्बाइड गन और डेढ़ किलो कैल्शियम पाउडर के साथ गिरफ्तार किया। आरोपी ने जांच में बताया कि वह कोलार क्षेत्र की झुग्गियों से ये गन लाकर सड़क किनारे बेचता था।
प्रदेशभर में मामलों की लगातार बढ़ती संख्या
ग्वालियर में दीपावली के बाद 19 गंभीर मामले सामने आए थे। भोपाल के निजी और सरकारी अस्पतालों में लगातार नए केस रिपोर्ट हो रहे हैं। जयारोग्य अस्पताल, मुरार जिला अस्पताल और रतन ज्योति नेत्रालय में गुरुवार को 17 नए मरीज भर्ती हुए, जिनमें आठ की आंख की स्थिति गंभीर है।कलेक्टर ग्वालियर रूचिका चौहान ने धारा 163 के आदेश जारी कर कार्बाइड गन के क्रय, विक्रय और उपयोग पर रोक लगाई। पुलिस टीमें पूरे जिले में ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ अभियान चला रही हैं।
कार्बाइड गन केवल एक घरेलू “खिलौना” नहीं, बल्कि गंभीर रूप से हानिकारक रासायनिक उपकरण हैं। इसके उपयोग से आंख की स्थायी क्षति, ऑप्टिक न्यूरोपैथी और रेटिना फटना जैसी गंभीर चोटें हो सकती हैं।इस दिवाली ने मध्य प्रदेश में बच्चों और युवाओं को चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया पर देखी गई चीजों की नकल करना खतरनाक हो सकता है।






