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JAMMU-KASHMIR: केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहला राज्यसभा चुनाव नेशनल कॉन्फ्रेंस ने किया 3 सीटों पर कब्जा और भाजपा को मिली 1 सीट पर जीत

जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा की कुल चार सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ। जिसके नतीजे चौंकाने वाले रहे। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार हुए इन चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने तीन सीटों पर कब्जा जमाया, जबकि एक सीट भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खाते में गई।भाजपा की जीत को लेकर क्रॉस वोटिंग की चर्चाएं तेज हैं, क्योंकि पार्टी के पास अपने बलबूते पर्याप्त संख्या नहीं थी।जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों में से 88 सीटें फिलहाल भरी हैं, जिनमें से 86 विधायकों ने वोट डाला, एक विधायक ने डाक मतपत्र से वोट दिया और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष सज्जाद लोन ने मतदान नहीं किया।

चुनाव नतीजों के अनुसार नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के चौधरी मोहम्मद रमजान, सज्जाद अहमद किचलू और गुरविंदर सिंह ओबरॉय (शमी ओबरॉय) ने तीन सीटें जीतीं।भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा ने चौथी सीट पर जीत हासिल की।भाजपा के लिए यह जीत अप्रत्याशित मानी जा रही है, क्योंकि पार्टी के पास केवल 28 विधायक हैं, जबकि सत शर्मा को 32 वोट मिले। इससे यह साफ है कि 4 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की।

केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहला राज्यसभा चुनाव

यह राज्यसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक इतिहास में अहम माने जा रहे है। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजन के बाद यह पहला राज्यसभा चुनाव था।ये चारों सीटें फरवरी 2021 से रिक्त थीं। उस समय गुलाम नबी आजाद, नजीर अहमद लावे, फयाज अहमद मीर और शमशेर सिंह मन्हास का कार्यकाल पूरा हुआ था।

गठबंधन की रणनीति और नतीजे

सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और PDP ने मिलकर सभी चार सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था।उनका मानना था कि भाजपा के पास पर्याप्त संख्या नहीं है। लेकिन भाजपा प्रत्याशी सत शर्मा ने नाटकीय अंदाज़ में चुनाव पलटते हुए NC के इमरान नबी डार को पराजित कर चौथी सीट जीत ली।नेशनल कॉन्फ्रेंस को उम्मीद थी कि कांग्रेस और PDP का समर्थन मिलने से चौथी सीट भी उसके खाते में जाएगी, लेकिन क्रॉस वोटिंग ने सारे समीकरण बदल दिए।

भाजपा प्रत्याशी सत शर्मा का बयान

जीत के बाद भाजपा उम्मीदवार ने कहा कि“मैं उन सभी विधायकों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज़ पर वोट दिया। मैंने सभी से संपर्क किया था, चाहे वे किसी भी पार्टी से हों। यह जीत जम्मू-कश्मीर की जनता के विश्वास की जीत है और मुझे देश व प्रदेश के लिए काम करने का अवसर मिला है।”

 

 

 

 

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