लेह शहर में हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने धारा 163 लागू करते हुए आदेश जारी कर दिया है। इसके तहत अधिकारी की पूर्व लिखित अनुमति के बिना कोई भी जुलूस, रैली, मार्च या सार्वजनिक सभा नहीं निकाली जा सकती। इसके अलावा वाहन या लाउडस्पीकर का उपयोग भी अनुमति के बिना बैन रहेगा। बता दें कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भूख हड़ताल पर थे। बुधवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बीच सोनम वांगचुक ने अपना अनशन तोड़ दिया, साथ ही उन्होंने प्रदर्शन कर रहे युवाओं से अपील भी की है। उन्होंने युवाओं से शांति बनाए रखने और हिंसा नहीं करने की अपील की है।

बुधवार (24 सितंबर) को लेह में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। नाराज प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों पर पथराव किया और एक पुलिस वाहन को आग लगा दी। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संवैधानिक सुरक्षा उपाय लागू करने की मांग को लेकर कई दिन से जारी आंदोलन में यह पहली हिंसक घटना रही। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय पर भी हमला किया और वहां आग लगा दी। इस दौरान कई युवा छात्र, जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षक सोनम वांगचुक भी शामिल थे। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने का वादा पूरा करने की मांग की।
इससे पहले गृह मंत्रालय ने 2 जनवरी 2023 को लद्दाख में लंबे समय लंबे समय तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। बता दें कि समिति और एलएबी व केडीए के संयुक्त नेतृत्व के बीच 27 मई को आखिरी दौर की बातचीत हुई थी। इस बैठक के बाद लद्दाख में अधिवास नीति लागू हुई।









