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भारत-ब्रिटेन सांझेदारी को मजबूती देने का विजन 2035, लोकतंत्र की नींव पर मजबूत भारत-यूके संबंध, CETA समझौते से रोजगार और व्यापार में बढ़ोतरी

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर भारत यात्रा के तहत बुधवार को मुंबई पहुंचे थे।भारत दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुंबई में अहम बैठक हुई। दोनों नेताओं ने विजन 2035 रोडमैप के तहत भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की। इस मुलाकात के बाद PM मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों की नींव में लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच हुए समझौते से रोजगार बढ़ेंगे। दोनों नेताओं के बीच विजन 2035 रोडमैप के तहत भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा हुई।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुए व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) से आयात लागत कम होगी, व्यापार बढ़ेगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। मोदी ने बताया कि यह समझौता उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए लाभदायक साबित होगा।

मोदी ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री स्टार्मर के नेतृत्व में भारत और ब्रिटेन के संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इंडिया-यूके CEO फोरम और ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल जैसी पहलें हमारी सांझेदारी को और मजबूत करने का अवसर हैं। भारत की फिनटेक क्षमता और ब्रिटेन के वित्तीय अनुभव का मेल पूरी मानवता के लिए लाभदायक हो सकता है।”ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा, “हम भारत के साथ भविष्य-केंद्रित साझेदारी बनाने के लिए यहां हैं। जुलाई में हस्ताक्षरित CETA समझौता विकास का ‘लॉन्चपैड’ है। भारत की अर्थव्यवस्था 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी बन जाएगी, और इससे हमारे देशों में रोजगार और अवसर बढ़ेंगे।”

PM मोदी ने कहा, “प्रधानमंत्री स्टार्मर के नेतृत्व में भारत और ब्रिटेन के संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इस साल जुलाई में, मेरी ब्रिटेन यात्रा के दौरान, हमने ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) पर हस्ताक्षर किए थे।” ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ एक संयुक्त बयान में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और ब्रिटेन के बीच कल व्यावसायिक नेताओं का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन हुआ। आज, हम इंडिया-यूके CEO फोरम और ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल को संबोधित करेंगे। इन सब से भारत-यूके सहयोग को और मजबूत करने के सुझाव और संभावनाएं सामने आएंगी।”

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा

प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक संयुक्त वक्तव्य में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी, जुलाई में ब्रिटेन में आपकी मेजबानी करना मेरे लिए सम्मान की बात थी और कुछ ही महीनों बाद यह वापसी यात्रा करने पर मुझे बहुत खुशी हो रही है। हम यहां कुछ निर्माण कर रहे हैं, हम भविष्य पर केंद्रित एक नई आधुनिक साझेदारी बना रहे हैं और अवसरों का लाभ उठा रहे हैं और हम यह सब मिलकर कर रहे हैं। इसीलिए हमने जुलाई में ब्रिटेन-भारत व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) किया, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

 

मजबूत होंगे ब्रिटेन-भारत संबंध

दोनों नेताओं ने इंडो-पेसिफिक, पश्चिम एशिया और यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा की। वहीं, रक्षा सहयोग के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन ने सैन्य प्रशिक्षण समझौता किया है, जिसके तहत भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग प्रशिक्षक अब ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स में ट्रेनर के रूप में काम करेंगे।दोनों नेता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), दूरसंचार, रक्षा प्रौद्योगिकी और महत्वपूर्ण खनिज जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हुए।

ब्रिटेन में बनेंगी बॉलीवुड फिल्में, डील हुई

ब्रिटेन में बॉलीवुड फिल्म निर्माण के लिए भी समझौता हुआ, जिससे भविष्य में हजारों कुशल नौकरियां उत्पन्न होंगी।स्टार्मर ने अपने कल के दौरे पर बोलते हुए कहा- कल यशराज स्टूडियो का शानदार दौरा किया। हम ब्रिटेन में बॉलीवुड फिल्में बनाने के लिए एक समझौते की घोषणा कर रहे हैं। भारत की युवा पीढ़ी ही 2047 के उस लक्ष्य को हासिल करने की अगुआई करेगी।

दोनों देशों के बीच मजबूत होगी सांझेदारी

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के कारण दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में अस्थिरता का माहौल है। इस वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बीच भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत सांझेदारी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इससे पहले बुधवार को PM स्टार्मर कहा था कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते के तहत मिलने वाले अवसर अद्वितीय हैं। स्टार्मर ब्रिटेन के व्यापार जगत के शीर्ष नेताओं, उद्यमियों और विश्वविद्यालय के कुलपतियों समेत 125 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आए हैं।

“भारत और ब्रिटेन जैसी खुली और लोकतांत्रिक देशों में कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां सहयोग बढ़ाया न जा सके। विजन 2035 हमारे साझा लक्ष्यों की रूपरेखा है, जो दोनों देशों के लिए नए अवसरों और साझेदारी के द्वार खोलेगी।”

 

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