बिहार में विशेष गहन संशोधन प्रक्रिया के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा अंतिम मतदाता सूची जारी किए जाने के बाद राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। सूची में करीब 47 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने पर कांग्रेस ने गंभीर सवाल उठाए हैं, वहीं BJP ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।
BJP के वरिष्ठ नेता और IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने को लेकर एक भी शिकायत या आपत्ति दर्ज नहीं कराई। उन्होंने राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया और कहा कि यह यात्रा अवैध प्रवासियों को संरक्षण देने और मतदाता सूची में ‘वोट चोरी’ का झूठा नैरेटिव फैलाने का प्रयास है। मालवीय ने राहुल के आरोपों को खारिज करते हुए इसे ‘जॉर्ज सोरोस की किताब से निकली रणनीति’ बताया और कहा कि यह कांग्रेस की हार छिपाने तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों का भरोसा कमजोर करने की साजिश है।
वहीं, कांग्रेस की ओर से बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने इस पूरी SIR प्रक्रिया को धोखा और अपारदर्शी करार दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया न जनता की मांग थी और न ही राजनीतिक दलों की, फिर भी इसे बिना किसी पारदर्शिता के लागू किया गया। कांग्रेस ने राज्यभर में अपने कार्यकर्ताओं को जांच में लगाने का फैसला लिया है ताकि यह पता चल सके कि कितने नाम अनुचित रूप से हटाए या जोड़े गए हैं।
इस बीच, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मतदाता सूची के अंतिम रूप में जारी होने पर सभी मतदाताओं, राजनीतिक दलों और हितधारकों का आभार व्यक्त किया। नई सूची में कुल 7.42 करोड़ मतदाता शामिल हैं, जबकि 24 जून तक यह संख्या 7.89 करोड़ थी। यानी सूची से लगभग 47 लाख मतदाता हटाए गए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए सोशल मीडिया अकाउट X पर लिखा कि निर्वाचन आयोग को स्पष्ट करना चाहिए कि हटाए गए इन 47 लाख नामों में कितने मृतक, फर्जी या दूसरे राज्यों में चले गए लोग थे। उन्होंने कहा कि इस स्तर की पारदर्शिता बेहद जरूरी है ताकि निर्वाचन आयोग अपनी खोई हुई विश्वसनीयता फिर से हासिल कर सके।