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UTTARAKHAND: केदारनाथ धाम के कपाट आज शीतकालीन यात्रा के लिए हुए बंद,उखीमठ में होंगे अब दर्शन ,17 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित पवित्र केदारनाथ धाम  के कपाट आज यानी भैयादूज के दिन शीतकालीन यात्रा के लिए बंद कर दिए गए। इस अवसर पर मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया और आर्मी बैंड ने पारंपरिक धुन बजाई, जिससे इस पावन क्षण की गरिमा और बढ़ गई।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस अवसर पर मंदिर में मौजूद रहे और बाबा केदारनाथ की पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए बाबा के दर्शन किए और भावुक क्षण का अनुभव किया।

बाबा की डोली की शीतकालीन यात्रा

केदारनाथ धाम से बाबा की चल विग्रह पंचमुखी डोली 55 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय कर 25 अक्टूबर को उखीमठ पहुंचेगी। यहाँ बाबा अगले 6 महीने तक अपनी शीतकालीन गद्दी ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान रहेंगे।

यात्रा कार्यक्रम इस प्रकार है-

पहले दिन (23 अक्टूबर) को केदारनाथ से रामपुर तक 26 किलोमीटर की यात्रा करेंगे, रात्रि प्रवास रामपुर में होगा।दूसरे दिन (24 अक्टूबर) को रामपुर से फाटा होते हुए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी तक 17 किलोमीटर यात्रा करेंगे।तीसरे दिन (25 अक्टूबर) को गुप्तकाशी से ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ तक 12 किलोमीटर यात्रा करेंगे।तीन दिन की यह 55 किलोमीटर लंबी यात्रा पूर्ण होने के बाद बाबा उखीमठ स्थित शीतकालीन गद्दीस्थल पर विराजमान होंगे।

कपाट बंद होने की प्रक्रिया

मुख्य पुजारी ने बताया कि सुबह 2:30 बजे मंदिर आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बाद मंदिर की सफाई की गई। सुबह 4 बजे से 6 बजे तक बाबा केदारनाथ की समाधि पूजा हुई। सुबह 6 बजे गर्भगृह के कपाट बंद कर दिए गए और 8:30 बजे बाबा की चल विग्रह डोली मंदिर से बाहर निकली। डोली ने मंदिर की परिक्रमा के बाद अपने शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए प्रस्थान किया।

श्रद्धालुओं का उत्साह और रिकॉर्ड

इस साल केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खुले थे, और अब तक लगभग 17 लाख 45 हजार श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। यह 2013 की आपदा के बाद दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने कठिन मौसम और लंबी यात्रा के बावजूद अपनी आस्था और भक्ति का प्रदर्शन किया।केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन पूजा की व्यवस्था उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में शुरू हो गई है। श्रद्धालु 25 अक्टूबर से यहां बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सकते हैं।

यमुनोत्री में स्थित मां यमुना मंदिर के कपाट भी आज 12:30 बजे शीतकालीन यात्रा के लिए बंद किए जाएंगे। इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव में रखी जाएगी। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट भी 25 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। इस तरह, उत्तराखंड की चारधाम यात्रा छह महीने के लिए बंद हो जाएगी।

केदारनाथ धाम के होने और बाबा की शीतकालीन यात्रा का यह अवसर भक्ति, आस्था और धार्मिक उत्साह का प्रतीक बन गया है। श्रद्धालु अब उखीमठ में बाबा के दर्शन कर अपने मनोकामना की पूर्ति कर सकते हैं।

 

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