BREAKING

IndiaUttar Pradesh

पद्म विभूषण सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र का 89 वर्ष की आयु में निधन, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

वाराणसी/मिर्जापुर। देश के विख्यात शास्त्रीय गायक और पद्म विभूषण से सम्मानित कलाकार पंडित छन्नूलाल मिश्र का गुरुवार तड़के निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। मिर्जापुर स्थित अपने निवास पर सुबह 4:15 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। लंबे समय से उनकी तबीयत खराब चल रही थी।कुछ दिन पहले उन्हें सीने में संक्रमण और खून की कमी के चलते बीएचयू अस्पताल, वाराणसी में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें ICU में रखा गया था। तबीयत में सुधार होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था, जिसके बाद वे मिर्जापुर लौट आए थे।पंडित छन्नूलाल का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह मिर्जापुर से वाराणसी लाया गया। दिनभर लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे और शाम 7 बजे बनारस में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया। उल्लेखनीय है कि 2014 लोकसभा चुनाव में वाराणसी से PM मोदी के नामांकन के समय पंडित छन्नूलाल मिश्र उनके प्रस्तावक बने थे। प्रधानमंत्री मोदी से भी वे कई बार मिले, क्योंकि उनका निवास और PM की संसदीय सीट एक ही क्षेत्र, वाराणसी, में थी।

संघर्ष और संगीत यात्रा

3 अगस्त 1936 को आजमगढ़ जिले के हरिहरपुर गांव में जन्मे पंडित मिश्र ने शुरुआती शिक्षा अपने पिता से ली और आगे की साधना काशी में की। उनकी असाधारण प्रतिभा को पद्मभूषण ठाकुर जयदेव सिंह ने पहचाना और उन्हें परंपरागत शैली में संगीत शिक्षा दी।वे खासकर शास्त्रीय ख्याल और पूरब अंग ठुमरी के लिए प्रसिद्ध रहे। उनका गायन गहरी भावनाओं और मधुरता से भरा होता था, जिसकी वजह से उन्हें देश-विदेश में अपार सम्मान मिला।

पुरस्कार और सम्मान

 पंडित छन्नूलाल को 2010 में पद्मभूषण और 2020 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया उत्तर प्रदेश सरकार से उन्हे यश भारती अवॉर्ड से नवाजा गया। उन्हें कई और बड़े पुरस्कार मिले – जैसे सुर सिंगार संसद का शिरोमणि अवॉर्ड, नौशाद अवॉर्ड, यश भारती अवॉर्ड, बिहार संगीत शिरोमणि अवॉर्ड, लंदन म्यूजिक फेस्टिवल में सम्मान और “ज्वेल ऑफ ठुमरी” की उपाधि भी मिली।

AIR और दूरदर्शन के आर्टिस्ट

पंडित मिश्र आकाशवाणी और दूरदर्शन के टॉप ग्रेड आर्टिस्ट रहे। कई सरकारी सांस्कृतिक संस्थाओं में उनकी सक्रिय भूमिका रही और उन्होंने भजन, ग़ज़ल और कई संगीत एलबम जारी किए। वे भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के भी प्रमुख सदस्य थे।

 

 

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

Subscribe to Our Newsletter!

This will close in 0 seconds