राजगढ़ (सिरमौर) में हिमाचल और उत्तराखंड के आराध्य देव शिरगुल महाराज की प्रकट स्थली मोड़ (फागु) में भव्य मंदिर निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। आज यहां मंदिर निर्माण के लिए वास्तु स्थापना का शुभ कार्य विधिवत रूप से संपन्न हुआ। इस विशेष धार्मिक अनुष्ठान के दौरान दैविक विधियों के साथ चार पवित्र कलशों की स्थापना की गई, जो मंदिर निर्माण के प्रारंभ की आधिकारिक घोषणा है। अब जल्द ही इस स्थान पर शिरगुल महाराज का एक भव्य और आकर्षक मंदिर निर्मित किया जाएगा।
शिरगुल महाराज के मुख्य पुजारी एवं कारदार पृथ्वी राज ठाकुर ने बताया कि जिस स्थान पर यह मंदिर बन रहा है, वहीं एक समय हल चलाते हुए एक व्यक्ति को शिरगुल महाराज की प्रतिमा प्राप्त हुई थी। यह स्थल इसलिए भी विशेष माना जाता है क्योंकि यहीं शिरगुल महाराज ने अपनी दैविक शक्ति से जल प्रकट किया था। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह वही स्थान है जहाँ उन्होंने अपनी मामी की प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर पहली बार चमत्कार प्रदर्शित किया था।वास्तु निर्माण और कलश स्थापना समारोह में नौ तबीन के मुखिया निवेश ठाकुर सहित मंदिर समिति के सदस्य व बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। श्रद्धालुओं और गणमान्य लोगों की भारी उपस्थिति ने इस आयोजन को एक दिव्य और भावनात्मक वातावरण प्रदान किया।
स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार, पहले यहां एक छोटा-सा प्राचीन मंदिर था जो समय के साथ जर्जर हो गया। इसी कारण शावगा क्षेत्र के लोगों ने एक भव्य मंदिर के निर्माण का निर्णय लिया, जो अब मूर्त रूप लेने जा रहा है। ग्रामीणों ने जानकारी दी कि मंदिर निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और शीघ्र ही श्रद्धालुओं को यहां भव्य मंदिर के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। यह पवित्र स्थल भविष्य में धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी क्षेत्र को नई पहचान और समृद्धि प्रदान कर सकता है।