हरियाणा के पंचकूला जिले में सोमवार को पुलिस स्मृति दिवस (Police Commemoration Day) बड़े सम्मान और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर हरियाणा पुलिस महानिदेशक (DGP) O.P. सिंह पंचकूला के सेक्टर-25 स्थित मोगीनंद पुलिस लाइन पहुंचे, जहां उन्होंने देश के पुलिस बल के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। DGP ने ‘पुलिस शहीद स्मारक’ पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों की याद में नमन किया। इस मौके पर पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जवान और उनके परिजन भी उपस्थित रहे।
DGP O.P. सिंह ने की जनता से अपील
DGP ओ.पी. सिंह ने 21 अक्तूबर पुलिस स्मृति दिवस पर प्रदेशवासियों से अपील की कि वे अपने शहीद जवानों की याद में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दें। उन्होंने कहा कि यह दिन वर्ष 1959 में हॉट स्प्रिंग्स, लद्दाख में शहीद हुए 10 बहादुर पुलिसकर्मियों की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने देश की सेवा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे।
DGP सिंह ने कहा, “हम अपने शहीदों को याद करते हैं, उनके बलिदान से प्रेरणा लेते हैं और समाज के दुश्मनों से बेखौफ होकर लड़ते रहेंगे। पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था की रखवाली नहीं करती, बल्कि आम जनता की सुरक्षा के लिए अपनी जान भी जोखिम में डालती है।”
“पुलिसकर्मी दिन-रात ड्यूटी पर रहते हैं”
DGP ने बताया कि एक पुलिसकर्मी दिन में 15 से 16 घंटे ड्यूटी करता है। वह सिर्फ कानून लागू करने वाला नहीं, बल्कि समाज के हर तबके की सुरक्षा की गारंटी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस के दो अफसरों द्वारा हाल ही में की गई आत्महत्याओं से उन्हें गहरा दुख हुआ है।उन्होंने कहा, “हमारे दो साथी जो अभी देश सेवा के लिए बहुत लंबा सफर तय कर सकते थे, अब हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन इससे हरियाणा पुलिस का मनोबल नहीं टूटा है। हम अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहेंगे और शहीदों की तरह जनता की सेवा में तत्पर रहेंगे।”
#WeLoveOurPolice अभियान की अपील
DGP सिंह ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे सोशल मीडिया पर #WeLoveOurPolice हैशटैग के साथ अपने फोटो और वीडियो साझा करें, ताकि पुलिस जवानों का मनोबल बढ़ सके। उन्होंने कहा, “पुलिसकर्मियों के उत्साह और समर्पण को सम्मान देने के लिए यह सबसे सुंदर पहल होगी। हर नागरिक अपने शहीदों को नमन करे और दो मिनट मौन रखकर उन्हें याद करे।”
21 अक्तूबर का महत्व
पुलिस स्मृति दिवस की परंपरा वर्ष 1959 में शुरू हुई। उस समय भारतीय पुलिस बल देश की उत्तरी सीमा, तिब्बत से लगी 2500 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा कर रहा था।20 अक्तूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से तीन पुलिस गश्ती दल एक अभियान पर निकले थे। उनमें से एक दल वापस नहीं लौटा। 21 अक्तूबर को जब खोज दल लापता साथियों की तलाश में निकला, तो उस पर चीनी सैनिकों ने हमला कर दिया। गोलीबारी और हथगोलेबाजी में 10 बहादुर पुलिसकर्मी शहीद हो गए और कई अन्य घायल हुए।तीन हफ्ते बाद, 13 नवंबर 1959 को चीन ने उन 10 पुलिसकर्मियों के पार्थिव शरीर लौटाए, जिन्हें पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद जनवरी 1960 में हुई पुलिस प्रमुखों की वार्षिक बैठक में निर्णय लिया गया कि हर साल 21 अक्तूबर को देशभर में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
हरियाणा पुलिस की परंपरा और समर्पण
पंचकूला पुलिस लाइन में आयोजित समारोह में शहीदों के परिवारों को सम्मानित किया गया और श्रद्धांजलि के रूप में पुलिस बैंड द्वारा ध्वनि वादन किया गया। इस अवसर पर शहीदों की वीरगाथाएं भी सुनाई गईं।DGP ओ.पी. सिंह ने कहा कि पुलिस बल का इतिहास शौर्य, बलिदान और कर्तव्यनिष्ठा से भरा हुआ है। “हरियाणा पुलिस अपने शहीद साथियों की विरासत को आगे बढ़ाते हुए समाज की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेगी।”
समारोह में मौजूद रहे वरिष्ठ अधिकारी
इस अवसर पर ADGP, IG, SP, DSP समेत बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी, जवान और उनके परिवारजन मौजूद रहे। समारोह के दौरान पुलिसकर्मियों को वीरता और सेवा के लिए सम्मानित भी किया गया। 21 अक्तूबर न केवल पुलिसकर्मियों के शौर्य और बलिदान की याद दिलाता है, बल्कि यह हर नागरिक के लिए एक अवसर है कि वह उन सच्चे नायकों को नमन करे जो देश की सुरक्षा और शांति के लिए हर दिन अपनी जान दांव पर लगाते हैं।