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हरियाणा IPS वाई. पुरन कुमार की आत्महत्या केस-DGP कपूर भेजे लंबी छुट्टी पर,ओपी सिंह को सौंपा कार्यकारी DGP का अतिरिक्त कार्यभार

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी वाई. पुरन कुमार की कथित आत्महत्या के मामले को लेकर अवकाश पर भेज दिया गया है। उनकी जगह 1991 बैच के IPS अधिकारी ओम प्रकाश सिंह को हरियाणा का DGP का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। सिंह का रिटायरमेंट इसी साल 31 दिसंबर को होने वाला है।

चंडीगढ़ पुलिस ने पुरन कुमार द्वारा छोड़े गए एक अंतिम नोट के आधार पर FIR दर्ज की है। जानकारी के अनुसार, वाई. पुरन कुमार की कथित आत्महत्या 7 अक्टूबर को हुई थी। एफआईआर दर्ज होने के कुछ ही घंटे बाद उनकी पत्नी और वरिष्ठ IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने मुख्यमंत्री नयाब सिंह सैनी से संपर्क कर FIR दर्ज कराने और उनके पति के नोट में नामित अधिकारियों के निलंबन तथा गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था।

शव का पोस्टमार्टम अभी तक नहीं

अभी तक पुरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया है। परिवार का कहना है कि मामले में हरियाणा के कुछ शक्तिशाली और उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल हैं। इस कारण परिवार ने पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं दी है। आठ दिनों से शव मुर्दाघर में रखा हुआ है।राज्य सरकार और परिवार के बीच DGP शत्रुजीत कपूर और हटाए गए रोहतक एसपी नरेंद्र बियारनिया की गिरफ्तारी को लेकर गतिरोध जारी है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

इस मामले को लेकर राजनीतिक घटनाक्रम में तेजी से बदलाव आ रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज (14 अक्टूबर) को चंडीगढ़ में दिवंगत IPS अधिकारी के आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों से मिले। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान चंडीगढ़ में वाई. पुरन कुमार के परिवार से मुलाकात करेंगे।

वहीं, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्षी नेता भूपिंदर हुड्डा ने इस मौत को बेहद दुखद बताते हुए कहा, “हमारी एकमात्र मांग है कि दोषियों को सजा मिले। न्याय दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार को अपनी जिम्मेदारी से विचलित नहीं होना चाहिए।”

दलित संगठनों की महापंचायत

सख्ती दिखाते हुए, पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने भी इस आत्महत्या मामले में चंडीगढ़ पुलिस की रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त किया है। पुलिस के अनुसार एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है और जांच प्रक्रिया जारी है।IPS वाई. पुरन और उनके परिवार के लिए न्याय की गुहार लगाने वाले कई दलित संगठन एकत्रित हुए और एक महापंचायत बुलाई। संगठनों ने सरकार से 48 घंटे के अंदर बड़ा कदम उठाने की मांग की थी। यह 48 घंटे मंगलवार (14 अक्टूबर) को पूरे हो रहे हैं।

 

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