भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 14 अक्टूबर 2025 को सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इसके तहत खाद्य उत्पादों के लेबल और विज्ञापनों में ‘ORS’ शब्द का इस्तेमाल तुरंत बंद करने का निर्देश दिया गया है।FSSAI ने इस कदम को उपभोक्ताओं को भ्रामक जानकारी से बचाने के उद्देश्य से उठाया है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के लेबल या विज्ञापन उपभोक्ताओं को गुमराह कर सकते हैं और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 का उल्लंघन करते हैं।
नवीनतम आदेश ने जुलाई 2022 और फरवरी 2024 में जारी पहले के निर्देशों को रद्द कर दिया है।इन पुराने निर्देशों में खाद्य लेबल पर ‘ओआरएस’ शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता था, बशर्ते यह स्पष्ट किया जाए कि “उत्पाद WHO द्वारा अनुशंसित ORS फॉर्मूला नहीं है।”FSSAI ने समीक्षा के बाद पाया कि इस तरह की चेतावनियों के बावजूद यह गतिविधियां झूठी, भ्रामक और अस्पष्ट हो सकती हैं, और उपभोक्ताओं को भ्रमित कर सकती हैं।किसी भी ट्रेडमार्क नाम, उत्पाद नामकरण, या विज्ञापन में ‘ओआरएस’ शब्द का प्रयोग अब अधिनियम का उल्लंघन माना जाएगा।FSSAI ने स्पष्ट किया है कि इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और गलत जानकारी के प्रसार को रोकना है।
खाद्य व्यवसाय संचालकों को अपने लेबल और विज्ञापनों में तत्काल सुधार करने की सलाह दी गई है।FSSAI ने कहा कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। इस तरह के भ्रामक लेबल और विज्ञापन उपभोक्ताओं को गलत स्वास्थ्य संबंधी विश्वास दिला सकते हैं। प्राधिकरण ने व्यवसायों को चेतावनी दी है कि नियमों का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।इस आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि FSSAI उपभोक्ता सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। खाद्य व्यवसायों को अपने लेबलिंग और विज्ञापन रणनीतियों की समीक्षा करनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि उपभोक्ताओं को कोई भ्रामक जानकारी न दी जाए।