AQI यानि एयर क्वालिटी इंडेक्टस की दीपावली के त्यौहर में हुई आतिशबजी के बाद से हवा कितनी जहरीली हुई है और देश के कितने इलाके रेड जोन में है -आइए एक नजर आंकड़ों पर डाल लेते हें। दीपावली के बाद की सुबह धुंध की चादर में लिपटी नज़र आई।जो लोग सुबह टहलने निकले, उन्हें अहसास हुआ कि सांस लेना भी अब मुश्किल हो चुका है। क्योकि जीवनदायी हवा में पटाखों की गैस इस कदर घुल चुकी है कि लोग सोशल मीडिया पर इसे गैस चैंबर लिख रहे हैं।
बात सबसे पहले राजधानी दिल्ली की कर लेते हैं। जहां हर साल की तरह इस बार भी दावा था ‘ग्रीन पटाखे जलाओ, प्रदूषण घटाओ’ लेकिन नतीजा? वही पुराना! दिवाली की रात आसमान चमका और सुबह होते-होते दिल्ली का AQI 400 से 600 के पार पहुंच गया.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, दिल्ली के 38 में से 36 मॉनिटरिंग स्टेशन ‘रेड जोन’ में हैं।RK पुरम में AQI 368, जबकि कुछ जगहों पर 1000 तक पहुंच गया. दीवाली के बाद दिल्ली NCR के शहर, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम गाजियाबाद समेत अन्य इलाकों में एयर क्वालिटी बहुत ही खराब हो गई। इन इलाकों में AQI तेजी से बढ़ा है। प्रदुषण का आलम यह है कि दिल्ली के कई इलाकों को रेड जोन घोषित किया जा चुका है। आसमान में कोहर और धुंध छाया हुआ है। दिल्ली में प्रदुषण की स्थिति को देखते हुए ग्रैप -2 लागू कर दिया गया है। इस साल दीवाली से पहले ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ था। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिवाली पर ग्रीन पटाखों को जलाने की अनुमति से यहां की हवा और अधिक जहरीली हो गई है। इसे देखते हुए दिल्ली प्रशासन की ओर से आवश्यक कदम उटाए गए हैं। शनिवार को GRAP पर उप-समिति की समीक्षा और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) के पूर्वानुमानों के बाद दिल्ली में GRAP -II लागू कर दिया गया है।
दिल्ली के बाद पंजाब हरियाणा ओर देश के बाकी शहरों का रूख करते हैं कि आखिरकार उन शहरों की वायु गुणवत्ता कैसी है?
पंजाब के अधिकतर शहरों में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई। आतिशबाजी और प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण शाम 8 बजे से हवा खराब होनी शुरू हुई, जो रात 12 बजे तक गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और रोपड़ का AQI अधिकतम 500 दर्ज किया गया, जबकि पटियाला का AQI 486 तक पहुंच गया। मंडी गोबिंदगढ़ में यह स्तर 401 और खन्ना में 272 रहा। हरियाणा के पंचकूला की हवा सांस लेने लायक नहीं रही। शहर का AQI दीवाली की रात 12 बजे 366 के स्तर तक पहुंच गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है. अंबाला का AQI 163 दर्ज किया। प्रशासन की ओर से पटाखे जलाने का समय रात 8 से 10 बजे तक ही तय किया गया था, लेकिन निर्धारित समय के बाद भी देर रात तक पटाखे जलते रहे, जिससे प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ गया। छत्तीसगढ़ के रायुपर का AQI 155 दर्ज किया गया। कई अन्य प्रमुख भारतीय शहरों में वायु गुणवत्ता कम खतरनाक श्रेणी में रही. मुंबई पटना, जयपुर और लखनऊ (222) को ‘खराब’ श्रेणी में रखा गया, जबकि बेंगलुरु ‘संतोषजनक’ और हैदराबाद चेन्नई का AQI ‘मध्यम’ श्रेणी में रहा।
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार 400 से ऊपर का AQI खतरनाक माना जाता है और यह सामान्य लोगों की सेहत को भी प्रभावित करता है, जबकि सांस, हृदय या फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए यह स्थिति और अधिक घातक साबित हो सकती है।