शिरोमणि अकाली दल के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरमेल सिंह टोहरा का कल शाम (21 सितंबर) को निधन हो गया। मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। 77 साल के टोहरा काफी लंबे समय से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था। सिंह के निधन की खबर से पंजाब में शोक की लहर दौड़ गई।
हरमेल सिंह टोहरा दिग्गज अकाली नेता और जत्थेदार स्वर्गीय गुरचरण सिंह टोहड़ा के दामाद थे। उनके निधन पर सियासी दलों के लोगों ने शोक जताया है। बताया जा रहा है कि हरमेल सिंह का अंतिम संस्कार 23 सितंबर (मंगलवार) को सुबह 11 बजे उनके पैतृक गांव टोहड़ा में किया जाएगा।
राजनीतिक सफर
हरमेल सिंह 1997 में शिरोमणि अकाली दल सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इसके अलावा वो सनौर इलाके से विधायक भी रहे। हालांकि बादल और टोहड़ा गुटों के अलग होने के बाद उन्होंने अपने कार्यकाल के बीच में ही इस्तीफा दे दिया था और टोहरा गुट के साथ चले गए थे। साल 2016 में उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इसके बाद एक बार फिर 20 अपैल 2019 में उन्होंने शिरोमणि अकाली दल में वापसी की, लेकिन अकाली दल में दो गुट बनने के बाद वो बागी गुट के साथ ही रहे।
नेताओं ने जताया शोक
हरमेल सिंह टोहरा के निधन से अकाली दल को बड़ा झटका लगा है।वहीं पंजाब की राजनीति ने एक ऐसा नेता खो दिया है जो जनहित को सर्वोपरि मानता था. राजनीतिक दलों से लेकर सामाजिक संगठनों तक ने टोहरा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। नेताओं का कहना है कि हरमेल सिंह टोहरा की कमी हमेशा खलेगी।