मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने आर्थिक, ऊर्जा, रक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के कई महत्वपूर्ण समझौतों पर सहमति जताई
15 हजार करोड़ की मंगोल ऑयल रिफाइनरी
दोनों देशों ने 1.7 अरब डॉलर (लगभग ₹15,000 करोड़) की मंगोल ऑयल रिफाइनरी परियोजना पर समझौता किया।यह परियोजना मंगोलिया में ऊर्जा उत्पादन और रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद करेगी।समझौते का उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में भारत-मंगोलिया सहयोग को मजबूत करना है।मुलाकात के दौरान दोनों देशों ने क्रिटिकल मिनरल्स (कॉपर, कोकिंग कोल, यूरेनियम) की सप्लाई चेन को मजबूत करने पर चर्चा की।यह कदम दोनों देशों के ऊर्जा और खनिज क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देगा।मंगोलिया भारत को यूरेनियम और अन्य खनिजों की आपूर्ति करेगा, जिससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति उखना ने डिफेंस और सिक्योरिटी सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई।भारत और मंगोलिया के बीच 10 समझौते (MoUs) हुए।इन समझौतों में रक्षा प्रशिक्षण, सुरक्षा उपाय और रणनीतिक सहयोग शामिल हैं।दोनों देशों ने अपनी रणनीतिक दोस्ती को और मजबूत करने का संकेत दिया।दोनों नेताओं ने धार्मिक और सांस्कृतिक सहयोग को भी प्राथमिकता दी।भारत 2026 में बुद्ध के दो शिष्यों, अर्हंत सारिपुत्र और अर्हंत महामोगल्लान के पवित्र अवशेष मंगोलिया भेजेगा।गंदन मठ में एक साल के लिए संस्कृत शिक्षक भेजे जाने की भी योजना है।यह कदम दोनों देशों के सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में अहम साबित होगा।भारत और मंगोलिया ने लगभग 10 साल पहले रणनीतिक दोस्ती की नींव रखी थी।दोनों देशों के बीच अब डिफेंस, सिक्योरिटी और ऊर्जा सहयोग को और बढ़ाया जा रहा है।यह समझौता यह दर्शाता है कि दोनों देश रणनीतिक और आर्थिक रूप से गहरे सहयोग की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति उखना की मुलाकात ने भारत-मंगोलिया संबंधों को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है।₹15,000 करोड़ की ऑयल रिफाइनरी परियोजना से मंगोलिया की ऊर्जा और रोजगार संभावनाओं में वृद्धि होगी।बुद्ध के शिष्यों की अस्थियों और संस्कृत शिक्षक के आदान-प्रदान से सांस्कृतिक और धार्मिक रिश्ते मजबूत होंगे।10 समझौतों के साथ दोनों देशों का रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग और गहरा हुआ।यह मुलाकात भारत और मंगोलिया के संपर्क और सहयोग की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।