बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इस बीच, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव पर वैशाली जिले के गनियारी गांव में बाढ़ पीड़ितों को नकद सहायता देने का आरोप लगा है, जो आचार संहिता का उल्लंघन माना जा रहा है
गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025 को पप्पू यादव वैशाली जिले के सहदेई प्रखंड स्थित गनियारी गांव पहुंचे। यहां उन्होंने गंगा नदी के कटाव से प्रभावित 80 परिवारों को ₹2,000 से ₹4,000 तक की नकद सहायता प्रदान की। इस दौरान की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसमें पप्पू यादव ग्रामीणों को पैसे बांटते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से भी फोन पर संपर्क किया और प्रभावितों की समस्याओं के समाधान की बात की इस मौके पर सांसद पप्पू यादव ने क्षेत्रीय सांसद चिराग पासवान और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “यहां बड़े-बड़े नेता हैं जो टिकट के चक्कर में व्यस्त हैं, लेकिन कटाव पीड़ित परिवारों से मिलने का किसी को समय नहीं है।” पप्पू यादव ने आगे बताया कि उन्होंने वैशाली जिलाधिकारी को फोन किया, लेकिन डीएम ने फोन रिसीव नहीं किया। अब इस पूरे मामले पर सवाल उठ रहे हैं कि आचार संहिता लागू होने के बाद खुलेआम पैसा बांटना क्या चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन नहीं है? फिलहाल इस पर प्रशासन या चुनाव आयोग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पप्पू यादव ने अपने इस कदम को मानवीय सहायता बताते हुए कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के डर से वह गरीबों की मदद करना नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि अन्य नेता चुनावी लाभ के लिए व्यस्त हैं, जबकि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कोई सामने नहीं आ रहा।