पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक विवादित बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान दो मोर्चों पर युद्ध (दो-फ्रंट वॉर) की स्थिति के लिए तैयार है — एक मोर्चा भारत से और दूसरा अफगान तालिबान से।
उनका यह बयान इस पृष्ठभूमि पर आया है कि पाकिस्तान अपने पश्चिमी सीमा पर तालिबान-नियंत्रित अफगानिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और भारत के साथ पारंपरिक विरोध में फंसा हुआ है।
ख्वाजा आसिफ के मुख्य बिंदु
- दो मोर्चों की तैयारियां
ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि पाकिस्तान को यह डर है कि भारत सीमा पर “गंदी चाल” चला सकता है, खासकर ऐसे समय में जब पाकिस्तान का तालिबान से सीमा विवाद है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि देश को दो मोर्चों से निपटने की रणनीति बनानी होगी। - तालिबान पर भारत का हस्तक्षेप — “प्रॉक्सी वार” का आरोप
आसिफ ने आरोप लगाया कि अफगान तालिबान भारत की “प्रॉक्सी” (नियंत्रित माध्यम) के रूप में पाकिस्तान के विरुद्ध काम कर रहा है।
उन्होंने खास तौर पर यह टिप्पणी की कि “अभी काबुल भारत के लिए एक प्रॉक्सी युद्ध लड़ रहा है”। - पाबंदी और संवाद की अपील
इस बयान के बीच, उन्होंने अमेरिका से मध्यस्थता की अपील की है ताकि क्षेत्र में तनाव को कम किया जा सके।
साथ ही, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेनाएँ अगर उकसाया गया तो जवाब देंगी।
पृष्ठभूमि और विश्लेषण
- पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच सीमा पर गत कुछ समय से तनातनी युद्ध की झड़पें हो रही हैं।
- दोनों देशों ने एक 48 घंटे की संघर्षविराम की सहमति घोषित की है।
- आसिफ के बयान से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि पाकिस्तान भारत के साथ पारंपरिक तनाव के अलावा तालिबान से बढ़ती चुनौती को एक साथ लड़ने का मन बना रहा है।
- आलोचकों का कहना है कि यह बयान पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति और विदेश नीति रणनीति में बदलाव की ओर संकेत हो सकता है।