गुजरात की राजनीति में शुक्रवार को एक बड़ा बदलाव देखने को मिला। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपनी तीसरी कैबिनेट का गठन करते हुए राज्य में 26 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह गांधीनगर के महात्मा मंदिर में हुआ, जहां राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस बार के फेरबदल में 19 नए चेहरे, 3 महिलाएं और विभिन्न समुदायों का संतुलन देखने को मिला। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ-साथ मजूरा से विधायक हर्ष संघवी ने सबसे पहले शपथ ली और उन्हें गुजरात का उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) बनाया गया।
मिशन 2027 की तैयारी
राज्य में यह फेरबदल भाजपा के मिशन 2027 की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी ने महज तीन साल में एक बार फिर पूरी कैबिनेट बदल दी है। गुरुवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी 16 मंत्रियों ने इस्तीफा सौंप दिया था, जिसके बाद नई कैबिनेट का गठन किया गया।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों और निकाय चुनावों से पहले जनता में नई ऊर्जा और संदेश देने के उद्देश्य से उठाया है।
जातीय और क्षेत्रीय संतुलन पर फोकस
नई कैबिनेट में जातीय समीकरणों का खास ध्यान रखा गया है।पटेल समाज से मुख्यमंत्री समेत 8 मंत्री बनाए गए हैं।OBC समुदाय से 8 मंत्री शामिल किए गए हैं।अनुसूचित जाति (SC) से 3 मंत्री और अनुसूचित जनजाति (ST) से 4 मंत्री कैबिनेट में शामिल हैं। वहीं, 3 महिलाएं मनीषा वकील, दर्शना वाघेला और रिवाबा जडेजा को भी मंत्री पद मिला है।
क्षेत्रवार संतुलन की बात करें तो:
सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र से 9 मंत्री, मध्य गुजरात से 6, दक्षिण गुजरात से 5, उत्तर गुजरात से 4,और अहमदाबाद से 1 मंत्री (दर्शन वाघेला) बनाए गए हैं।
नए मंत्रियों की सूची
नए मंत्रिमंडल में शामिल 26 मंत्रियों के नाम इस त्रिकम छांगा, स्वरूपजी ठाकोर, प्रवीण माली, ऋषिकेश पटेल, पी.सी. बरंडा, दर्शना वाघेला, कांतिलाल अमृतिया, कुंवरजीभाई बावलिया, रिवाबा जडेजा, अर्जुन मोढवाडिया, डॉ. प्रद्युम्न वाजा, कौशिक वेकारिया, परसोत्तम सोलंकी, जीतेंद्र वाघाणी, रमण सोलंकी, कमलेश पटेल, संजय सिंह महीडा, रमेश कटारा, प्रफुल पानसेरिया, हर्ष संघवी, मनीषा वकील, ईश्वर सिंह पटेल, डॉ. जयराम गामित, नरेशभाई पटेल और कनुभाई देसाई हैं।
रिवाबा जडेजा का राजनीति में उभार
इस विस्तार की सबसे खास बात रही भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को मंत्री पद मिलना।रिवाबा जामनगर उत्तर सीट से भाजपा विधायक हैं और उन्होंने 2022 में विधानसभा चुनाव जीता था।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री रखने वाली रिवाबा करणी सेना की महिला शाखा की प्रमुख रह चुकी हैं और 2019 में भाजपा से जुड़ी थीं।अब वे राज्य सरकार में महिला सशक्तिकरण और युवा राजनीति की नई पहचान बन गई हैं।
पुराने चेहरों में से 6 को फिर मिला मौका
नई कैबिनेट में पुराने मंत्रियों में से 6 को दोबारा मौका दिया गया है। ऋषिकेश पटेल, कनुभाई देसाई, कुंवरजी बावलिया, प्रफुल पानसेरिया, परसोत्तम सोलंकी और हर्ष संघवी को फिर से मौका दिया है।वहीं, पुराने 9 मंत्रियों राघवजी पटेल, बलवंत सिंह राजपूत, मुलुभाई बेरा, कुबेर डिंडोर, भानुबेन बाबरिया, बच्चू खाबड़, मुकेश पटेल, भीखूसिंह परमार और कुंवरजी हलपति मंत्रीपद से हटाया गया है।
युवाओं और नए चेहरों पर भरोसा
पार्टी ने इस फेरबदल में युवाओं और नए चेहरों को तरजीह दी है।19 नए मंत्रियों की एंट्री के साथ भाजपा ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह युवा नेतृत्व और नई सोच को आगे लाना चाहती है।सूरत, राजकोट, भावनगर, अहमदाबाद और आदिवासी क्षेत्रों से ऐसे नेताओं को शामिल किया गया है जो अपने-अपने इलाकों में संगठन को मजबूत करने की क्षमता रखते हैं।
विपक्ष और नेताओं की प्रतिक्रिया
कैबिनेट फेरबदल के बाद गुजरात के मंत्री प्रफुल पानसेरिया ने कहा कि “मैंने जो इस्तीफा दिया था, उसे स्वीकार नहीं किया गया। पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, उसे निभाने के लिए तैयार हूं।”
भाजपा नेता वजुभाई वाला ने इसे “एक पारदर्शी प्रक्रिया” बताया और कहा कि पार्टी का हर कार्यकर्ता इसमें शामिल है।वहीं, भाजपा विधायक पंकज देसाई ने कहा कि नया मंत्रिमंडल “राज्य के हर जिले और समुदाय को प्रतिनिधित्व देता है, जिससे जनहित में बेहतर नीति बनेगी।”
मिशन 2027 की दिशा में बड़ा कदम
गुजरात में भाजपा की यह कैबिनेट पूरी तरह 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।BJP यह सुनिश्चित करना चाहती है कि राज्य में पाटीदार, OBC और आदिवासी समुदायों के बीच मजबूत पकड़ बनी रहे।पार्टी को पिछले महीनों में कुछ लोकल चुनावों में झटका लगा था, खासकर बिसावदर उपचुनाव में। ऐसे में यह नया चेहरा भाजपा की राजनीतिक रणनीति में जनविश्वास बहाल करने का प्रयास है।
11साल में चौथी बार कैबिनेट में बदलाव
गुजरात में बीते 11 वर्षों में यह चौथा बड़ा कैबिनेट फेरबदल है।2016 में आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया था।2021 में विजय रूपाणी सरकार ने पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा दिया।2022 में भूपेंद्र पटेल ने नई टीम बनाई और अब 2025 में भूपेंद्र पटेल ने तीसरी बार अपना मंत्रिमंडल बदला है।
गुजरात में भूपेंद्र पटेल की नई कैबिनेट को भाजपा के भविष्य की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।26 मंत्रियों की टीम में युवा, अनुभव, जातीय संतुलन और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व सब कुछ ध्यान में रखा गया है।अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नई टीम अगले दो वर्षों में राज्य के विकास और चुनावी रणनीति में क्या बदलाव लाती है।