राजधानी दिल्ली को दहलाने वाले लाल किला ब्लास्ट केस में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। फॉरेंसिक जांच में यह पुष्टि हो गई है कि धमाके के वक्त i20 कार में मौजूद शख्स पुलवामा निवासी डॉ. उमर नबी ही था। घटना स्थल से मिले दांत, हड्डियों, खून से सने कपड़े और पैर के हिस्से का DNA, उमर की मां के DNA से 100% मैच हुआ है।फॉरेंसिक टीम को कार के अंदर से स्टीयरिंग व्हील और एक्सीलेरेटर के बीच फंसा पैर का हिस्सा मिला था। इसके बाद DNA रिपोर्ट आने पर यह साफ हो गया कि उमर नबी ने ही ब्लास्ट को अंजाम दिया और उसी में उसकी मौत हुई।
CCTV में कैद हुए ब्लास्ट के डरावने पल
घटना का सबसे क्लोज़ का 10 सेकंड का CCTV फुटेज सामने आया है। वीडियो में लाल किला मेट्रो स्टेशन के सिग्नल पर करीब 20 से ज्यादा गाड़ियां खड़ी दिखती हैं।शाम 6:51 बजे जैसे ही सिग्नल ग्रीन हुआ और गाड़ियां आगे बढ़ीं, तभी एक i20 कार में भीषण धमाका हुआ। आग की लपटें कई फीट तक उठीं और आसपास की कई गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए।धमाके में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हैं। घायलों का इलाज LNJP और सफदरजंग अस्पताल में जारी है।

सरकार ने माना आतंकी हमला
केंद्र सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इसे आतंकी हमला (Terror Attack) घोषित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान से लौटने के बाद सीधे LNJP अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों से इलाज की जानकारी ली।PM मोदी ने कह कि“जो भी इस साजिश के पीछे हैं, उन्हें किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”इस बीच NSG, NIA, और दिल्ली पुलिस की विशेष टीमें जांच में जुटी हैं।
दूसरी लाल कार हरियाणा से मिली
जांच में यह भी सामने आया है कि धमाके में दो कारों का इस्तेमाल किया गया था।ब्लास्ट में शामिल बताई जा रही लाल रंग की ईको स्पोर्ट्स कार (DL10-CK-0458) हरियाणा के खंदावली गांव में लावारिस हालत में मिली।यह कार भी डॉ. उमर नबी के नाम से रजिस्टर्ड है।NSG बम स्क्वॉड और FSL की टीम ने मौके पर पहुंचकर कई सैंपल एकत्र किए।सूत्रों के अनुसार, जहां से यह कार मिली, वह उमर के ड्राइवर की बहन का घर है। वहां से एक संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।

अल फलाह यूनिवर्सिटी बना था आतंकी ठिकाना
जांच एजेंसियों ने पाया कि दिल्ली धमाके की साजिश जनवरी 2025 से रची जा रही थी।फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े 6 डॉक्टर, इस मॉड्यूल का हिस्सा थे।मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल गनी, डॉ. उमर नबी, डॉ. शाहीन शाहिद, और अन्य संदिग्धों ने मिलकर दिल्ली को दहलाने की योजना बनाई थी।
जनवरी में की गई थी लाल किले की रेकी
मुजम्मिल और उमर ने कई बार लाल किले के आसपास सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ का पैटर्न समझने के लिए रेकी की थी।मिली जानकारी के अनुसार, उमर 6 दिसंबर को दिल्ली में दूसरा हमला करना चाहता था, लेकिन मुजम्मिल की गिरफ्तारी से प्लान अ सफल हो गया।जांच में खुलासा हुआ है कि डॉ. मुजम्मिल गनी ने फरीदाबाद में अपने किराए के कमरे में खाद की बोरियों के नाम पर विस्फोटक सामग्री जमा की थी।स्थानीय लोगों ने जब पूछा तो उसने कहा था कि “ये खाद है, कश्मीर भेजनी है।”अब फॉरेंसिक टीम ने कमरे से NPK फर्टिलाइजर और डिटोनेटर के अवशेष बरामद किए हैं।
उमर का मस्जिद में दिखा अंतिम फुटेज
जांच में सामने आए एक नए CCTV फुटेज में उमर नबी पुरानी दिल्ली की फैज इलाजी तुर्कमान मस्जिद में नजर आया है।वीडियो में वह काली पैंट और काला स्वेटर पहने, नंगे पैर मस्जिद में घूमता दिखाई देता है।फुटेज दोपहर 2:34 बजे का है यानी धमाके से ठीक कुछ घंटे पहले का है। जांचकर्ताओं के अनुसार, उमर काफी चिंतित और बेचैन दिख रहा था, और बार-बार पीछे मुड़कर देख रहा था।
डायरियों से मिला बड़ा सुराग
जांच एजेंसियों ने उमर और मुजम्मिल के कमरों से दो डायरी बरामद की हैं, जिनमें 8 से 12 नवंबर तक की तारीखें दर्ज हैं।डायरी में करीब 25 लोगों के नाम लिखे हैं ज्यादातर जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद के निवासी हैं।इससे स्पष्ट होता है कि हमले की तैयारी पहले से तय थी।
दिल्ली मेट्रो ने लाल किला स्टेशन किया बंद
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने सुरक्षा कारणों से लाल किला मेट्रो स्टेशन को अगली सूचना तक बंद कर दिया है।DMRC के अनुसार, स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट अस्थायी रूप से सस्पेंड की गई है, हालांकि बाकी सभी मेट्रो लाइनें सामान्य रूप से चल रही हैं।

व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क
सूत्रों का कहना है कि यह मॉड्यूल एक “व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क” था यानी इसमें उच्च शिक्षित पेशेवरों को शामिल किया गया था।जांच एजेंसियों का मानना है कि ये आतंकी जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे संगठनों से जुड़े थे।
दिल्ली लाल किला ब्लास्ट की जांच से यह साफ है कि यह केवल एक हादसा नहीं, बल्कि एक गहराई से रची गई आतंकी साजिश थी।डॉ. उमर नबी की मौत और DNA मैचिंग के बाद अब एजेंसियों का फोकस उन नेटवर्क और संपर्कों पर है, जो इस प्लान के पीछे थे।देशभर में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है और दिल्ली में हाई अलर्ट जारी है।









